दिवाली का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है. ये फेस्टिवल इसलिए भी खास है क्योंकि ये पांच दिन तक चलता है. पहले धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन और फिर छट पूजा. गोवर्धन की पूजा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है. इस दिन पशु धन की पूजा की जाती है.
नई दिल्ली: दिवाली का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है. ये फेस्टिवल इसलिए भी खास है क्योंकि ये पांच दिन तक चलता है. पहले धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन और फिर छट पूजा. गोवर्धन की पूजा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है. इस दिन पशु धन की पूजा की जाती है. ऐसे तो लोगों को गोवर्धन पर अक्सर सिर्फ एक ही चीज याद रहती है. जो कि अन्नकूट की सब्जी है. तो चलिए आपको इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में भी बता देते है. पहले आपको ये बता दें कि ये क्यों मनाया जाता है. तो, पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. जिससे सभी गोकुलवासियों की रक्षा हुई थी साथ ही इंद्रदेव का घमंड भी टूट गया. तभी से इस त्योहार को मनाने की परंपरा चली आ रही है.
अब, इसके शुभ मुहूर्त की थोड़ी-सी जानकारी दे देते है. इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर को की जाएगी. ये तो सभी को पता है. इस बार गोवर्धन पूजा का शुब मुहूर्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 55 मिनट तक है. वहीं इसका दूसरा मुहूर्त शाम को 5 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 43 मिनट तक है. बहुत से स्थानों पर इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी मनाया जाता है.
वहीं अगर गोवर्धन पूजा के महत्व की बात की जाए तो इस दिन भगवान कृष्ण के द्वारा इंद्रदेव का अहंकार दूर करने की याद में गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सबसे पहले गोवर्धन की पूजा शुरू कराई गई थी. उन्होंने ही गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज के सभी लोगों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी. यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है. ये तो हो गई गोवर्धन के दिन का महत्व.
वहीं इस दिन अन्नकूट की सब्जी का भी विशेष महत्व माना जाता है. ये एक तरह का पकवान होता है जिसे अन्न और सब्जियों को मिलकर बनाया जाता है. भगवान को भोग लगाया जाता है. गोवर्धन की पूजा करके लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता को व्यक्त करते है.
गोवर्धन के दिन गोबर से देव मनाए जाते है. इसके अलावा लोग अपने पशुधन को सजाते हैं. इसके साथ ही उनकी पूजा भी करते हैं. ये प्रकृति और इंसानों के बीच स्थापित प्रेम और सम्मान का त्योहार भी माना जाता है. इस दिन पूजा के लिए किसान और पशुपालक खासतौर से तैयारी करते हैं. घर के आंगन या खेत में गाय के गोबर से देव बनाए जाते हैं. इसके साथ ही उन्हें भोग भी लगाया जाता है. पूजन विधि तकरीबन दूसरी पूजाओं की तरह ही है जिसमें सुबह स्नान करके, भगवान की प्रतिमा बनाकर उस पर भोग चढ़ाया जाता है. गोवर्धन देव के अलावा भगवान कृष्ण का दूध से स्नान करवाकर उन्हें भी पूजा जाता है.
Preparations underway at Kedarnath shrine in Uttarakhand ahead of PM Narendra Modi's visit today. PM will offer prayers at the shrine, inaugurate Adi Shankaracharya Samadhi & unveil their statue. pic.twitter.com/kYd6tz0CuX
— ANI (@ANI) November 5, 2021
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो लाइक करें