आइये अब जानते है कि हम नवदुर्गा स्वरूप माता चंद्रघंटा के विषय मे जाने….
. प्रातः चिंतन
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
जो देवी समस्त प्राणियों में शक्तिरूप से स्थिति हैं उन माँ जगदम्बा को नमस्कार है.. नमस्कार है.. नमस्कार है..
नाबरात्री अनुष्ठान
चंद्रघंटा पूजा:
प्रातः नित्य समय पर आपके नवरात्रि अनुष्ठान अंतर्गत मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराएं.. अलग अलग तरह के फूल..अक्षत.. कुमकुम.. सिन्दूर.. अर्पित करें.. केसर दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं.. मां को सफेद कमल.. लाल गुलाब की माला अर्पण करें और प्रार्थना करते हुए निम्न मंत्र जप करें..
ध्यान मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।
मंत्र के साथ ही हाथ के पुष्प मनोकामना गुटिका एवं मां के तस्वीर के ऊपर छोड दें.. इसके बाद भोग प्रसाद अर्पित करें तथा मां चंद्रघंटा के मंत्र का जाप करें… यह जप कम से कम १०८ होना चाहिए.. मां चंद्रघंटा की पूजा में भक्तों की पीत वस्त्र धारण करने चाहिए.. मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत ही प्रिय है इसलिए आप सुनहरे रंग के स्वच्छ वस्त्र पहनकर भी पूजा कर सकते हैं.. मां को आपको सफेद चीजों का भोग लगाना चाहिए.. इनमें खीर या फिर सफेद बर्फी ले सकते हैं.. आप मां को शहद का भोग लगा सकते हैं…
जाप मंत्र:
१ – पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
सरल मंत्र — ॐ एं ह्रीं क्लीं
मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद मां के चरणों में अपनी मनोकामना को व्यक्त करके मां से प्रार्थना करें तथा श्रद्धा से आरती कीर्तन करें…
शुभम…
जय अम्बे
आपका नवरात्रि शुभ एवं मंगलमय हो….
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