दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने BJP के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर (Kuldeep Sengar) समेत सात दोषियों के िखिलाफ सजा सुनाई है.
लखनऊ. उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao Rape Victim) के पिता की हिरासत में हत्या मामले में BJP के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) समेत सभी सातों दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई गई है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने इसके साथ ही इनपर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की रक़म पीड़िता को देने का आदेश दिया है. सजा पाने वालों में यूपी पुलिस के दो अधिकारी भी शामिल भी हैं. इनमें से एक अधिकारी वारदात के समय माखी थाना के SHO थे. वहीं दूसरा माखी थाना में ही सब-इंस्पेक्टर के तौर पर नियुक्त था.
मालूम हो कि उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 4 मार्च को फैसला सुनाते हुए पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि रेप पीड़िता के पिता को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उनकी मौत हो गई. मृतक के शरीर पर 18 जख्म थे. दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी.
पढ़ें दोषियों को मिली सजा का पूरा ब्योरा:-
1. कुलदीप सेंगर- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 120B (साजिश), 166 (पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167 (जानबूझ कर किसी को नुकसान पहुंचाना), 193 (झूठा साक्ष्य पेश करना), 201 (अपराध करके साक्ष्यों को छिपाना), 203 (गलत जानकारी देना), 211 (नुकसान पहुंचाने के दृष्टि से किसी और पर झूठा आरोप लगाना), 218 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा झूठे साक्ष्यों को गढ़ना), 323 (जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने के लिए दंड), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी पाया गया था. इससे पहले नाबालिग से रेप मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा और 25 लाख जुर्माना लगाया था.
2. कामता प्रसाद (तत्कालीन माखी थाना के सब इंस्पेक्टर)- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 120B (साजिश), 166 (पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167 (जानबूझ कर किसी को नुकसान पहुंचाना), 193 (झूठा साक्ष्य पेश करना), 201 (अपराध करके साक्ष्यों को छिपाना), 203 (गलत जानकारी देना), 211 (नुकसान पहुंचाने के दृष्टि से किसी और पर झूठा आरोप लगाना), 218 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा झूठे साक्ष्यों को गढ़ना), 323 (जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने के लिए दंड), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी.3. अशोक सिंह भदौरिया (तत्कालीन माखी थाना के एसएचओ) – 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 120B (साजिश), 166 (पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167 (जान बूझ कर किसी को नुकसान पहुंचाना), 193 (झूठा साक्ष्य पेश करना), 201 (अपराध करके साक्ष्यों को छिपाना), 203 (गलत जानकारी देना), 211 (नुकसान पहुंचाने के दृष्टि से किसी और पर झूठा आरोप लगाना), 218 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा झूठे साक्ष्यों को गढ़ना), 323 (जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने के लिए दंड), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी.
4. विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 120B (साजिश), 166 (पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167 (जानबूझ कर किसी को नुकसान पहुंचाना), 193 (झूठा साक्ष्य पेश करना), 201 (अपराध करके साक्ष्यों को छिपाना), 203 (गलत जानकारी देना), 211 (नुकसान पहुंचाने के दृष्टि से किसी और पर झूठा आरोप लगाना), 218 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा झूठे साक्ष्यों को गढ़ना), 323 (जान बूझ कर किसी को चोट पहुंचाने के लिए दंड), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी.
5- बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 120B (साजिश), 166 (पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167 (जानबूझ कर किसी को नुकसान पहुंचाना), 193 (झूठा साक्ष्य पेश करना), 201 (अपराध करके साक्ष्यों को छिपाना), 203 (गलत जानकारी देना), 211 (नुकसान पहुंचाने के दृष्टि से किसी और पर झूठा आरोप लगाना), 218 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा झूठे साक्ष्यों को गढ़ना), 323 (जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने के लिए दंड), 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी.
6- शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304,, 120B, 166 ( पब्लिक सर्वेंट जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता), 167, 193, 201, 203, 211, 218, 323, 341 और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी.
7- जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह- 10 साल की सजा
आईपीसी की धारा 304, 120B, 166, 167, 193, 201, 203, 211, 218, 323, 341 और आर्म्स एक्ट, 1959 के सेक्शन-3 के तहत दोषी