मध्य प्रदेश में जारी सियासी गहमागहमी के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सिंधिया लगभग 18 वर्षों तक कांग्रेस में रहे। खबर आ रही है कि वह आज वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज (मंगलवार) सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलने उनके आवास पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक बैठक चली। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उनके साथ रहे।
प्रदेश सरकार में कांग्रेस के कई मंत्रियों सहित 20 से अधिक विधायकों के बेंगलुरु जाने की खबर हैं। इन विधायकों के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक बताया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सिंधिया के बाद ये विधायक भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जायेगी।
मध्य प्रदेश में यह राजनीतिक स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी अनदेखी से क्षुब्ध हैं।
विधानसभा का समीकरण
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीट हैं। दो विधायकों का निधन हो चुका है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। सरकार के लिए जरूरी आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को चार निर्दलीय, 2 बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन है। उसके पास कुल 121 जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं।