2020 खुदरा बाजारों में प्याज की बेतहाशा कीमतों को काबू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इसके निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने नाराजगी जाहिर की है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने निर्यात पर पाबंदी हटाने को लेकर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने की बात कही है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के इस कदम को ‘किसान-विरोधी’ ‘महापाप’ और ‘अन्याय’ भरा कदम बताया.
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्य के मंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार के प्याज निर्यात पर रोक लगाने को लेकर रोष जताने के बाद मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही. राज्य की गठबंधन सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने केंद्र के इस निर्णय को किसान-विरोधी और उन पर दबाव बढ़ाने वाला ‘महापाप’ बताया.
किसानों को अच्छी कीमत मिलते ही केंद्र ने निर्यात पर लगायी रोक : राकांपा
राकांपा मुख्यालय पर एक बैठक में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसे समय पर प्याज के निर्यात पर रोक लगायी है, जब किसानों को अच्छी कीमत मिल रही थी. यह पूरी तरह गलत है. यह बात साफ है कि केंद्र सरकार किसान विरोधी रवैया अपना रही है. उन्होंने कहा कि प्याज उत्पादक पहले से कोविड-19 की मार झेल रहे हैं और अब केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी लगाकर उन पर और दबाव बनाने का महापाप किया है.
निर्यात पर प्रतिबंध के चलते प्याज के दाम गिरे : कांग्रेस
राज्य में गठबंधन सरकार की एक और सहयोगी दल कांग्रेस ने केंद्र के इस फैसले को लेकर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि निर्यात पर प्रतिबंध के चलते प्याज के दाम गिर गए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी इस ‘अन्याय’ से किसानों को बाहर निकालने के लिए लड़ाई लड़ेगी. उसका प्रदर्शन केंद्र सरकार के इस फैसले को वापस लेने तक जारी रहेगा.
बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद नहीं कर रहा केंद्र : थोराट
थोराट ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्याज के दाम 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल गिर गए हैं. राज्य में किसान बाढ़ और चक्रवात के चलते भारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. राज्य सरकार उनकी जितनी मदद कर सकती है, कर रही है. लेकिन, केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही.
प्याज के निर्यात में आयी गिरावट : प्रधान सचिव
महाराष्ट्र प्याज का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है. केंद्र सरकार के इस फैसले से यहां के किसान बड़े स्तर पर प्रभावित होंगे. राज्य के प्रधान सचिव अनूप कुमार ने मंत्रिमंडल को सूचित किया कि 2018-19 में राज्य से 21.83 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया, जबकि 2019-20 में यह आंकड़ा 18.50 लाख टन रहा.
देश की सीमा और बंदरगाहों पर अटका प्याज
राज्य के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि केंद्र के इस फैसले से निर्यात के लिए जाने वाला चार लाख टन प्याज मुंबई के जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह पर अटक गया है, जबकि राज्य के प्याज लदे 500 से अधिक ट्रक नेपाल और बांग्लादेश सीमा पर अटके हैं.
मालदा की सीमा पर खड़े हैं बांग्लादेश जाने वाले 400 से ज्यादा ट्रक
इस बीच पश्चिम बंगाल के महादीपुर क्लीयरिंग एंड फॉरवर्डिेग एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव भूपति मंडल ने कहा कि बांग्लादेश जाने वाले 400 से अधिक प्याज से लदे ट्रक मालदा जिले में सीमा के पास खड़े हैं. वहीं, एक बांग्लादेशी प्याज आयातक ने बताया कि अचानक लगाए गए प्रतिबंध से हमारी कई परेशानियां बढ़ गयी हैं. भारत हमें प्याज का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है. एक ही दिन में प्याज की खुदरा कीमत 50 टका से बढ़कर 70 टका हो गयी है. इसके आगे और बढ़ने की आशंका है.
फियो को सरकार से राहत की उम्मीद
इस बीच निर्यातकों के संगठन ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन’ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जो ऑर्डर पहले से बुक किए गए हैं, सरकार उनके मामले में लिए थोड़ी राहत देगी. सरकार बेंगलुरु रोज किस्म के प्याज निर्यात की अनुमति दे सकती है. बेंगलुरु रोज किस्म भारत में उतनी प्रचलित नहीं है.
Warm wishes to my good friend, PM Narendra Modi as you celebrate another year of your life. I wish you success and the best of health: Prime Minister of Sri Lanka, Mahinda Rajapaksa (file pic) pic.twitter.com/7NklXokbQA
— ANI (@ANI) September 17, 2020
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