तीन दिन से महाराष्ट्र में जातीय हिंसा का लावा बह रहा है. भीमा कोरेगांव से निकली चिंगारी महाराष्ट्र के 18 ज़िलों के साथ साथ पार्लियामेंट तक भी जा पहुंची, और विपक्ष ने सीधा प्रहार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कर दिया. संसद में चीखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा मोदी दलितों के नाम पर मौनी बाबा बन गए हैं.
दरअसल, नए साल पर हुई हिंसा पर पीएम खामोश हैं, और विपक्ष सीधे-सीधे आरोप लगा रहा है कि इस हिंसा के पीछे कट्टरवादी हिंदू संगठनों का हाथ है. वहीं राहुल गांधी ने महाराष्ट्र हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें कहा है कि बीजेपी और आरएसएस का फासीवादी नजरिया यह है कि दलितों को समाज के निचले स्तर में ही रखा जाए.
महाराष्ट्र की इस हिंसा में सियासत तगड़ी हो चली है, सरकार के अपने मंत्री ही सरकार को घेर रहे हैं. अब सवाल ये है आखिर ये हिंसा भड़काई किसने है, और कार्रवाई के नाम पर सरकार ने किया क्या है. पुलिस उनकी है, आईबी उनका है. सीबीआई उनकी है, फिर साजिश के कोड डिकोड क्यों नहीं हो रहे.
वहीं महाराष्ट्र पुलिस की नजर में इस सबके पीछे दो शख्स हैं, संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे. संभाजी भिड़े महाराष्ट्र में शिव प्रतिष्ठान नाम से संगठन चलाते हैं, तो वहीं मिलिंद एकबोटे हिंदू एकता आघाडी का नेतृत्व करते हैं.
संभाजी भिड़े गुरुजी और मिलिंद एकबोटे पर लगाए जा रहे आरोप पुख्ता हैं या नहीं इसका पता तो जांच के बाद ही चलेगा. लेकिन, लोगों की नजरों में यही महाराष्ट्र में फैली हिंसा के गुनहगार हैं, मास्टरमाइंड हैं, तो पुलिस को भी इन्हीं दोनों पर शक भी है. दक्षिणपंथी मानसिकता वाले इन दोनों चेहरों पर हिंसा फैलाने और दंगे भड़काने जैसे आरोप पहले भी लग चुके हैं. सबसे पहले आपको संभाजी भिड़े गुरुजी के बारे में तफ्सील से बताते हैं
85 साल के संभाजी भिड़े गुरुजी महाराष्ट्र के सांगली जिले से आते हैं. गुरुजी के नाम से मशहूर संभाजी पुणे यूनिवर्सिटी से एमएससी (एटॉमिक साइंस) में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इसके अलावा वो मशहूर फर्ग्युसन कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं. साइकिल पर चलने वाले गुरुजी पैरों में चप्पल तक नहीं पहनते. कहा जाता है कि गुरुजी ने आजतक जिस भी नेता का चुनाव में समर्थन किया उसकी जीत हुई. हालांकि, गुरुजी कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े.
85 साल के संभाजी भिड़े इससे पहले उस वक्त सुर्ख़ियों में आए थे, जब 2008 में फिल्म जोधा अकबर के खिलाफ उनके समर्थकों ने कई थिएटरों में तोड़फोड़ की थी. इसके अलावा 2009 में उन्होंने सांगली जिले में एक गणेश पंडाल में अफजल खान का रोल करने पर कलाकारों को रोक दिया था. शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानने वाले गुरुजी को महाराष्ट्र में मराठा लोगों का जबरदस्त समर्थन हासिल है. लेकिन, आज वो कटघरे में हैं.
मिलिंद एकबोटे पर पर 12 केस दर्ज हैं. इनमें दंगा फैलाने समेत कई आपराधिक मामले शामिल हैं. इसके पहले एकबोटे ने पुणे में पार्षद रहते हुए एक मुस्लिम पार्षद से हज हाउस बनाने को लेकर हाथापाई भी की थी. भिड़े और एकबोटे सरकार से लंबे समय से सरकारी रिकॉर्ड में गणपत महार का इतिहास बदलने की मांग करते आए हैं. उनका कहना है कि इस मामले में सरकार तथ्यों को दोबारा जांचे. फिर उसके मुताबिक सही इतिहास लोगों तक पहुंचाए.