अमेरिकी राष्ट्रपति realDonaldTrump ने Kashmir मसले पर मध्यस्थता करने की पेशकश की.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मदद मांगी थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा,”हमने अमेरिकी राष्ट्रपति का प्रेस में दिया गया बयान देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, अगर भारत और पाकिस्तान द्वारा अनुरोध किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया.” उन्होंने आगे कहा,”भारत अपने इस रुख कायम है कि पाकिस्तान से सभी मुद्दों पर सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत हो. पाकिस्तान सबसे पहले सीमा पार आतंकवाद खत्म करे. शिमला समझौता और लाहौर घोषणा पत्र के तहत ही मुद्दों का समाधान होगा.”
इससे पहले, समाचार एजेंसी AFP के हवाले से खबर आई थी कि ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है. ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान से पीएम मोदी को लेकर भी झूठ बोला. ट्रंप का दावा है कि भारत के प्रधानमंद्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मांगी थी मदद. वास्तविकता यह है कि कश्मीर पर भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के खिलाफ है. भारत ने कभी किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की.
दरअसल, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में कश्मीर का राग अलापा. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की पेशकश की.