29 दिसंबर को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादी मारे गए थे. इन्हीं में से एक के परिवार से मिलने महबूबा मुफ्ती उसके पुलवामा जिले स्थित घर पहुंची थी.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आतंकियों के परिवार वालों के प्रति हमदर्दी दिखाई है. साथ ही उन्होंने चेताया कि अगर आतंकवादियों के परिजनों का उत्पीड़न नहीं रुका तो इसके ‘‘खतरनाक परिणाम’’ होंगे. एक संदिग्ध आतंकवादी की बहन से मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”मैंने पुलवामा के पातीपुरा का दौरा किया जहां रूबीना (जिसका भाई आतंकवादी है), उनके पति और भाई की पुलिस हिरासत में निर्दयतापूर्वक पिटाई की गई थी. गंभीर प्रकृति की चोटों के कारण वह बिस्तर से उठ नहीं पा रही हैं.”
उन्होंने कहा कि अगर कोई हमलावर है तो उसकी बहन का क्या कसूर? उसके कप़ड़े उतारे गए, मारपीट की गई. ध्यान रहे कि 29 दिसंबर को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादी मारे गए थे. इन्हीं में से एक के परिवार से मिलने महबूबा उसके पुलवामा जिले स्थित घर पहुंची थी. जहां उन्होंने आतंकी की बहन रूबीना से मुलाकात की. महिला की जम्मू कश्मीर पुलिस के कर्मियों ने कथित रूप से पिटाई की थी.
पीडीपी की प्रमुख ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से इस घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की. मुफ्ती ने कहा, ‘‘मैंने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल से कार्रवाई करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने का अनुरोध किया. अगर आतंकवादियों के परिजनों का उत्पीड़न नहीं रुकता है तो इसके ऐसे परिणाम होंगे जिससे घाटी में अलगाव और बढ़ सकता है.’’