एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Vadra) के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य लोगों के खिलाफ मंगलवार को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया. एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां बताया कि प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में परिवहन अधिकारी आरपी त्रिवेदी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467 और 468 के तहत दर्ज किया गया है.
उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पायीं गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुँच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए..
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2020
मुकदमा उत्तर प्रदेश सरकार के उस आरोप के बाद दर्ज हुआ है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए दी गई 1000 बसों की लिस्ट में शामिल कुछ वाहनों के नंबर दो पहिया, तिपहिया वाहनों तथा कारों के तौर पर दर्ज पाए गए हैं.
उप्र सरकार ने हद कर दी है। जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों को मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएँ सामने रख दिए। @myogiadityanath जी इन बसों पर आप चाहें तो भाजपा का बैनर लगा दीजिए, अपने पोस्टर बेशक लगा दीजिए लेकिन हमारे सेवा भाव..1/2 pic.twitter.com/4SW3cax2H5
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2020
प्रवक्ता ने बताया कि कांग्रेस की ओर से जिन 1000 बसों की सूची सौंपी गयी थी, उनमें 79 पूरी तरह से अनफिट हैं. इसके अलावा 279 बसों का फिटनेस और बीमा सम्बन्धी प्रपत्र एक्सपायर हो चुका है. साथ ही 100 बसें ऐसी हैं जिनके नम्बर एम्बुलेंस, तिपहिया वाहन, आटो रिक्शा, ट्रक तथा अन्य वाहनों के नाम पर दर्ज हैं. वहीं, 70 बसों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस को प्रवासी मजदूरों की कोई परवाह नहीं है. कांग्रेस आखिर क्या साबित करना चाहती है. महाराष्ट्र में जब मजदूरों पर लाठीचार्ज हुआ तब कांग्रेस कहां थी. उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने सरकार के इस कदम पर कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना यह साबित करता है कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है और यह पूरी तरह निन्दनीय है.
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य सरकार से आग्रह करती है कि वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका के प्रस्ताव को स्वीकार करे और भूख-प्यास से परेशान मजदूरों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के निर्देश दे.
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