चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली में बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है और इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, तीनों सर्विस चीफ़ के साथ पूरे फ़ेस ऑफ़ को लेकर हाई लेवल मीटिंग चल रही है।
नई दिल्ली: चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली में बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख में सेना की मौजूदगी को लेकर खुली छूट दे दी है और इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, तीनों सर्विस चीफ़ के साथ पूरे फ़ेस ऑफ़ को लेकर हाई लेवल मीटिंग चल रही है। सूत्र बता रहे हैं कि इसमें कुछ कड़े फ़ैसले लिए जाने की उम्मीद है। इसके साथ में डिप्लोमैटिक चैनल के ज़रिए बातचीत जारी रहेगी। चीन को अप्रैल 2020 के स्टेटस को को मानना पड़ेगा और कहीं से भी रोड कंस्ट्रक्शन नहीं रोकेगा।
बता दें कि चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली में बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं चीन ने उसकी तरफ हुए नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं, जबकि अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि चीन के करीब 35 से ज्यादा सैनिक इस झड़प में हताहत हुए हैं।
वहीं भारत सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख में सेना की मौजूदगी को लेकर खुली छूट दे दी है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी है। केंद्र ने सेना को कहा है कि वे मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए स्वयं फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सोमवार रात एलएसी पर मौजूद गलवान घाटी में भारत और चीन सेना के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है कि वह सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करे। यही ध्यान में रखते हुए सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी गई है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है। माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पलड़ा चीन के बराबर हो सकता है।
इस बीच खबर आ रही है कि हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर की भी मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झड़प में मारे गए कमांडर के शव को बीजिंग में स्थित मिलिटरी हॉस्पिटल ले जाया गया है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए।
We can't hold Jawaharlal Nehru, Indira Gandhi or Rahul Gandhi responsible for whatever happened at the border. We all are responsible for martyrdom of 20 jawans. All parties will support whatever decision PM takes but he should tell ppl what went wrong: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/EAZ76SgBxK
— ANI (@ANI) June 17, 2020
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