देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 28 हजार से अधिक हो गई है। अब तक 886 लोगों की जान जा चुकी है तो 6362 लोग ठीक हो चुके हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एक भ्रम दूर करते हुए कहा कि ठीक हो चुके कोरोना मरीजों से संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं होता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘कोविड-19 मरीजों को लेकर एक भ्रम है जिसे एक जोरदार कैंपने से दूर करने की जरूरत है। हमें समझना होगा कि ठीक हो चुके मरीजों से संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है, बल्कि वे प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल से दूसरों को ठीक करने के लिए एंटीबॉडीज का स्रोत हैं।’ अग्रवाल ने कहा कि देश में संक्रमित मरीजों में स्वस्थ होने वालों की संख्या 6,184 हो गई है। यह कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का 22.17 प्रतिशत है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से देश में अब तक 872 लोगों की मौत हो चुकी है। अग्रवाल ने संक्रमण को रोकने के उपायों के असर की जानकारी देते हुए बताया कि देश के 16 जिले ऐसे हैं, जिनमें पिछले 28 दिनों से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल के बाद इसस फेहरिस्त में तीन जिले- महाराष्ट्र का गोंदिया, कर्नाटक का दावनगिरि और बिहार का लखीसराय जिला- जुड़े हैं। वहीं, दो जिले (उत्तर प्रदेश में पीलीभीत और पंजाब में एसबीएस), में संक्रमण के नए मामले मिलने के कारण वे इस सूची से हट गए हैं।
अग्रवाल ने बताया कि 25 राज्यों के 85 जिलों में पिछले 14 दिनों से कोविड-19 का एक भी मरीज नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमित मरीजों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाए जाने की घटनाओं पर मंत्रालय ने चिंता जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण किसी के लिये कलंक नहीं है, हमारी लड़ाई बीमारी के खिलाफ है, बीमारों के खिलाफ नहीं।
अग्रवाल ने मंत्रालय की ओर से देशवासियों से अपील करते हुये कहा, ”किसी भी समुदाय या क्षेत्र को कोविड-19 का संक्रमण फैलने के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।”
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