परंपरा से हटते हुए खिलाड़ियों और कोचों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार देने का फैसला इस साल एक 12 सदस्यीय पैनल द्वारा किया जायेगा जिसमें छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एम सी मेरीकाम और पूर्व फुटबाल कप्तान बाईचुंग भूटिया शामिल हैं। खेल पुरस्कार 29 अगस्त को हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर दिये जाते हैं जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ”इस साल हम सभी पुरस्कारों के लिये एक चयन समिति के विचार को आजमा रहे हैं। हमें लगता है कि ज्यादा समितियां गैर-जरूरी हैं क्योंकि इससे चीजें मुश्किल ही होती हैं और विवाद उत्पन्न होते हैं। इस 12 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुंदकम शर्मा करेंगे जिसमें खेल सचिव राधे श्याम झूलानिया, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, टारगेट ओलंपिक पोडियम प्रणाली (टॉप्स) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमांडर राजेश राजागोपालन, मेरीकाम, भूटिया, महिला क्रिकट की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा, लंबी कूद की पूर्व एथलीट अंजू बॉबी जार्ज और टेबल टेनिस कोच कमलेश मेहता शामिल हैं।
इसके अलावा समिति में मीडिया से भी दो प्रतिनिधित्व होंगे जो टाइम्स ग्रुप (डिजिटल) के प्रधान संपादक राजेश कालरा और मशहूर खेल कमेंटेटर चारू शर्मा हैं। पिछले चरणों के विपरीत यह समिति सभी राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों -राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार (कोचों के लिये), ध्यानचंद्र पुरस्कार (लाइफटाइम अचीवमेंट) और राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार- के विजेताओं का चयन करेगी।
इतने विलम्ब के बाद बुधवार को चयन समिति तय की गयी। सूत्र ने कहा, ”हां, हम जानते हैं कि इस समिति को गठित करने में हमें थोड़ी देर हो गयी लेकिन अभी पुरस्कार विजेताओं को चुनने के लिये हमारे पास काफी समय है। अधिकारी ने यह भी बताया कि चयन समिति की पहली बैठक अगले हफ्ते के शुरू में होगी। हफ्ते के अंत तक विजेताओं के नाम की घोषणा की संभावना है।