मोदी सरकार ने देशभर में अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरे करने के लिए आज एक अहम एलान किया है. इसके तहत सरकार 25 हजार करोड़ रुपये का एक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड बनाएगी और इसके बाद इन प्रोजेक्ट के बाकी बचे काम पूरे किए जाएंगे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में अटके पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरे करने के लिए आज एक बड़ा फैसला किया है. फैसले का एलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया. इस फैसले के तहत सरकार ने 25 हजार करोड़ के एक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड के गठन का ऐलान किया है जिसका उपयोग अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरे करने के लिए किया जाएगा. हालांकि, इन प्रोजेक्ट्स को कब तक पूरा किया जाएगा इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है.
स्टेट बैंक और एलआईसी के सहयोग से बनेगा फंड
अगर आप उन खरीदारों में शामिल है जिन्होंने घर के लिए पैसे तो पूरे दे दिए लेकिन अभी तक आपको अपना घर नहीं मिला है तो ये खबर आपके लिए राहत की बात है. अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरे करने के लिए सरकार ने जिस फंड का एलान किया है उसमें सरकार के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी सहयोग करेगी. इन तीनों के योगदान से इस फंड के करीब 25 हजार करोड़ रुपये के होने का अनुमान है.
दिल्ली एनसीआर में 1.5 करोड़ तक की कीमत के मकानों को पूरा किया जाएगा
सरकार का इरादा मध्यम आय वाले लोगों को सस्ते मकानों का फायदा पहुंचाना है. इसी के तहत अलग-अलग शहरों के लिए मकान की कीमत की सीमा अलग अलग रखी गई है. जैसे मुंबई में दो करोड़ रुपए तक की कीमत वाले मकानों को पूरा किया जाएगा तो दिल्ली – एनसीआर के अलावा हैदराबाद बेंगलुरु और चेन्नई में डेढ़ करोड़ जबकि अन्य शहरों में एक करोड़ तक की क़ीमत वाले अधूरे पड़े मकानों को पूरा किया जाएगा.
1600 से ज़्यादा प्रोजेक्ट्स को मिलेगा लाभ
सरकार के मुताबिक फिलहाल देशभर के सोलह सौ से ज्यादा ऐसे प्रोजेक्ट को इस फंड से फायदा होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स में करीब चार लाख 58 हजार मकान अटके पड़े हैं. सरकार की प्राथमिकता वैसे प्रोजेक्ट्स और मकानों को पूरे करने की होगी जिनका काम ज्यादा हो चुका है. मसलन किसी मकान का काम अगर 70 फ़ीसदी पूरा हुआ है तो उस मकान को पहले पूरा किया जाएगा. वैसे सरकार के पास इस बात का फिलहाल कोई अनुमान नहीं है कि कब तक इन अधूरे मकानों को पूरे करके उसे उनके खरीदारों को सौंप दिया जाएगा.
एनपीए वाले प्रोजेक्ट्स को भी मिलेगा फ़ायदा
इस योजना की ख़ास बात ये है कि इसमें उन प्रोजेक्ट्स को भी फ़ायदा मिलेगा जिनके बिल्डर्स का ऋण एनपीए में तब्दील हो चुका है या उनका मामला एंसीएल्टी में चल रहा है. किन प्रोजेक्ट्स को पहले पूरा करना है और किसे बाद में, इसपर फ़ैसले करने के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई जाएगी.