नई दिल्ली: 2019 के ‘मोदी सरनेम’ (Modi Surname CAse) आपराधिक मानहानि मामले में सूरत जिला अदालत का फैसला आने के एक दिन के भीतर ही कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा से सदस्यता (Disqualified) खत्म हो गई. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने और दो साल की सजा के निर्णय के बाद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने का आधिकारिक नोटिस जारी कर दिया. गौरतलब है कि सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को राहुल गांधी को मोदी सरनेम विवाद में सजा सुनाई. हालांकि अदालत ने अपने फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था.
लिली थॉमस केस बना नजीर
1951 में आए जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 (3) के तहत किसी मामले में सजा पाए सांसद या विधायक की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी. साथ ही वह सजा पूरी करने के अगले छह साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा. सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे केरल के वकील लिली थॉमस मामले में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 (4) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई थी. दाखिल याचिका में कहा गया था कि यह धारा दोषी सांसदों और विधायकों को बचाने का काम करती है. ऊपरी अदालत में मामला लंबित होने से उन्हें अयोग्य करार नहीं दिया जा सकता. इसी पर जुलाई 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दोषी सांसद-विधायक को अयोग्य ठहराने के निर्देश दिए थे.
2013 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपीए सरकार के अध्यादेश की प्रति फाड़ी थी राहुल गांधी ने
गौरतलब है कि 2013 में अजय माकन के एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी अचानक पहुंचे. वहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (4) को रद्द करने के फैसले के खिलाफ यूपीए सरकार की ओर से लाए जा रहे अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी. यूपीए सरकार द्वारा लाए जा रहे अध्यादेश के तहत दोषी सांसदों को भी लोकसभा से अयोग्य ठहराने के लिए तीन महीने की राहत यानी सुरक्षा मिलने जा रही थी. तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ लाया जा रहा अध्यादेश उस वक्त राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों समेत सत्तारूढ़ गठबंधन की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा था. उस वक्त माना गया कि इस अध्यादेश को राजद प्रमुख लालू प्रसाद को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य होने से बचाने के लिए यूपीए सरकार द्वारा लाया गया था.
सजा के बाद छह साल चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे राहुल गांधी
पूर्व कानून सचिव पीके मल्होत्रा ने लोकसभा से अयोग्यता पर बताया, ‘कानून की वर्तमान स्थिति के अनुसार किसी मामले में दोषी पाए जाने और अदालत से दो साल या उससे अधिक की सजा पाए राजनेता अपनी संसद या विधानसभा की सदस्यता खो देता है. इसके साथ ही जेल की सजा पूरी करने के बाद छह साल के लिए चुनाव भी नहीं लड़ सकता है.’ वरिष्ठ अधिवक्ता निधेश गुप्ता ने स्पष्ट किया कि अयोग्यता पर कानून संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है. लिली थॉमस मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 101 के आधार पर दोषी पाए गए संसद सदस्य की सीट स्वतः खाली हो जाती है.’
Congress party's Rahul Gandhi disqualified as a Member of Lok Sabha from the date of his conviction in the criminal defamation case over his 'Modi surname' remark, March 23. pic.twitter.com/qmr9pRTtTh
— ANI (@ANI) March 24, 2023
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