मानसूनी बारिश: शुरू होगी-उत्तर भारत में अगले 2-3 दिनों में

उत्तर भारत के कई हिस्सों में सोमवार को हल्की से मध्यम बारिश हुई थी और अगले कुछ दिनों में और अधिक होने की संभावना है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून 24-25 जून तक इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अधिक भागों में मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।

हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों और राजस्थान के कुछ हिस्से में और 48 घंटों के दौरान परिस्थितियां अनुकूल होंगी। पंजाब और हरियाणा में मंगलवार को कुछ स्थानों पर, बुधवार को अधिकांश स्थानों पर और गुरुवार को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बारिश के कारण उत्तर पंजाब से लेकर उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी से लेकर हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तरी तटीय ओडिशा तक में अगले 2-3 दिन में तापमान में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होगी।

पूर्वांचल में मानसून सक्रिय, लखनऊ में आज मानसूनी बारिश के आसार 
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। रविवार की शाम से सोमवार की सुबह तक पूर्वांचल के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार 23 जून को भी पूर्वी हिस्सों में कई जगहों पर भारी बारिश होगी। बुधवार और गुरुवार को पूरे राज्य में बारिश होने के आसार जताए गए हैं। इस दरम्यान कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। मौसम निदेशक जेपी गुप्त के अनुसार अगले 48 घंटों में मानसून पूरे उत्तर प्रदेश में आ जाएगा। लखनऊ और आसपास के इलाकों में मंगलवार को मानसून के मेहरबान होने के पूरे आसार बन गए हैं।

उत्तराखंड में आज दस्तक देगा मानसून
उत्तराखंड में मंगलवार को मानसून के पहुंचने की संभावना है। कुमाऊं मंडल में पहले मानसून पहुंचेगा और इसके एक-दो दिन बाद पूरे प्रदेश में मानसून पहुंच जाएगा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 24 और 25 जून को कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है। जबकि देहरादून सहित कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

धनबाद में सामान्य से अधिक, दुमका-देवघर में कम हुई बारिश
मानसून इस बार धनबाद पर मेहरबान है। मौसम विभाग के अनुसार धनबाद में सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। वहीं, संताल के दो जिले देवघर और दुमका में कम बारिश हुई है। देवघर में सामान्य से 76 प्रतिशत कम तो दुमका में सात प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसी तरह पाकुड़ में 51 प्रतिशत और साहिबगंज में सामान्य से तीन प्रतिशत कम बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार संताल से कोयलांचल तक अभी वज्रपात का खतरा बना हुआ है। अगले चार-पांच दिन तक बारिश के साथ वज्रपात होने की संभावना बताई गई है। खासकर मैदानी इलाके में इसका खतरा अधिक है।

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