दिल्ली में किसानों की हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल-कई की हालत नाजुक

कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं, लेकिन उनका अब कोई नेतृत्व नहीं है.

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं, लेकिन उनका अब कोई नेतृत्व नहीं है. नेतृत्वविहान रही ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में बवाल मचाया. सबसे शर्मनाक बात ये थी कि दंगाई किसानों ने लाल किले पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया. ये कह सकते हैं कि किसान ट्रैक्टर परेड के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए आए थे. लेकिन अब विडंबना यह है कि आंदोलन के नेतृत्व और समर्थन कर रहे नेता कल की घटना से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. फिलहाल इस हिंसा को लेकर पुलिस एक्शन मोड़ में है और मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में खालिस्तानियों ने यूएस में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया.

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