यमन के मारिब में सैन्य शिविर में एक मस्जिद पर मिसाइल और ड्रोन हमले में 100 से अधिक सैनिकों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हुए हैं। चिकित्सकीय एवं सैन्य सूत्रों ने रविवार (19 जनवरी) को यह जानकारी दी। इन हमलों के लिए हूती विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों और सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन समर्थित यमन सरकार के बीच जारी युद्ध में कुछ महीनों की अपेक्षाकृत शांति के बाद शनिवार को यह हमला हुआ।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि हूती विद्रोहियों ने सना के पूर्व में करीब 170 किलोमीटर दूर मारिब में शाम को नमाज के दौरान एक सैन्य शिविर में मस्जिद पर हमला किया। हताहतों को मारिब शहर के एक अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के एक चिकित्सकीय सूत्र ने बताया कि हमले में 83 सैनिक मारे गए हैं और 148 अन्य घायल हुए हैं। इस हमले से एक दिन पहले गठबंधन समर्थित सरकारी बलों ने सना के उत्तर में स्थित नाहम क्षेत्र में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया था।
आधिकारिक संवाद समिति ‘सबा’ के अनुसार एक सैन्य सूत्र ने बताया कि नाहम में संघर्ष रविवार (19 जनवरी) को भी जारी रहा। इस बीच, सूत्रों ने कहा, ”(हूती) मिलिशिया के दर्जनों लोग हताहत हुए हैं।” यमन ने राष्ट्रपति अबेदरब्बो मंसूर हादी ने इस ”कायराना और आतंकवादी हमले की निंदा की है।
‘सबा’ ने हादी के हवाले से कहा, ”हूती मिलिशिया का यह शर्मनाक कदम इस बात की निस्संदेह पुष्टि करता है कि वह शांति के इच्छुक नहीं है, क्योंकि उसे मौत और विनाश के अलावा कुछ नहीं आता और वह क्षेत्र में ईरान का घटिया हथियार है।” हूती विद्रोहियों ने इस हमले की तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है और ‘सबा’ ने अपनी रिपोर्ट में मृतक संख्या नहीं बताई है। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र दूत मार्टिन ग्रिफिथ्स ने हमलों में आई कमी का स्वागत किया था।