मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने अपनी दशहरा रैली के दौरान कहा कि ठाकरे सत्ता हासिल करने के लिए लाचार हैं. शिंदे ने उन्हें असली गद्दार की संज्ञा दी. वहीं शिंदे ने अपनी बगावत की तुलना 1857 में हुए विद्रोह से कर डाली. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने भी अपनी दशहरा रैली में शिंदे गुट को गद्दार करार दिया. उनकी तुलना रावण से कर डाली. ऐसे में शिंदे के बयान को पलटवार के रूप में देखा जा रहा है.
मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में अपनी अलग दशहरा रैली को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर ही कहा कि आप सत्ता के लिए लाचार हो गए. उन्होंने कहा कि बालासाहब की भूमिका गलत थी जैसे बयान देकर आपको कुछ भी नहीं लगा. आप याकूब मेनन की फांसी का विरोध करने वाले विधायक को मंत्री बनाते हो.
उद्धव माफी मांगे
शिंदे ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि असली गद्दार कौन है. आप हो असली गद्दार. इसलिए जनता ने निर्णय लिया है कि गद्दारों का साथ देना है या बालासाहेब का. उन्होंने कहा कि अपने पापों के लिए आपको पहले बालासाहेब की समाधी पर जाकर माफी मांगी चाहिए.
एकनाथ शिंदे के दावे
शिंदे ने कहा कि मेरे कई समर्थक कल शाम आए थे। मैं आपकी तरह ही एक कार्यकर्ता हूं। यह भारी भीड़ हमारे योगदान के लिए धन्यवाद है। यह है कार्यकर्ताओं का महासागर, इस सवाल पर कि असली शिवसेना कौन है, भीड़ देखिए, इस सवाल पर कि कौन है बालसाहेब का वारिस, भीड़ को देखिए। रिमोट कंट्रोल बालासाहेब के हाथ में था लेकिन आपने (उद्धव) ने एनसीपी को दे दिया। हमने महाराष्ट्र के हिंदुत्व को बचाने के लिए यह भूमिका निभाई। इसलिए हमें यह प्यार और समर्थन मिल रहा है, अगर हम देशद्रोही होते, तो हमें यह समर्थन नहीं मिलता, हमने यह सेना और देश के लिए किया। यह शिंदे या उद्धव की शिवसेना नहीं, बलसाहेब की विचारधारा की है। आपको हमें गद्दार और खोके बुलाए हुए दो महीने हो चुके हैं। इससे आगे बढ़ें। आप गद्दार थे। आपने कांग्रेस और एनसपी के साथ गठबंधन किया। आपने बालासाहेब की विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है। गद्दारी है। जब आपने ऐसा किया तो आपने लोगों के जनादेश के साथ धोखा किया।
उद्धव ठाकरे के दावे
उद्धव ठाकरे ने लोगों को दशहरा की बधाई दी और कहा कि ये नकली भीड़ नहीं है, ये शिवसैनिक हैं। रैली मैं मौजूद एक भी व्यक्ति बिकाऊ नहीं है। ये ठाकरे परिवार की कमाई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा और उसे सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन किया। शिंदे गुट के लोग धोखेबाज हैं। हम धोखेबाजों को धोखेबाज ही कहेंगे। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को गरीबी जैसे मुद्दे पर आईना दिखाने के लिए आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हर साल की तरह रावण दहन होगा लेकिन इस बार हमारे पास अलग रावण है। रावण के 10 सिर हैं। लेकिन इस रावण (शिंदे) के पास 50 हैं। वह 50 गुना अधिक विश्वासघात कर रहे हैं। मुझे केवल एक ही बात बुरी लगती है और गुस्सा आता है कि जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने राज्य की जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया। वे मुझे काट रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा।
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