मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार आज बैलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर में पेश होंगे। उनकी पेशी से पहले मुंबई के 7 थानाक्षेत्रों में धारा 144 लगा दी गई है। इससे पहले गुरुवार को शरद पवार ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे ईडी के दफ्तर के सामने न जमा हों। एमएससी बैंक मामले में ईडी ने पवार का नाम एन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) में शामिल किया है।
ट्वीट कर कार्यकर्ताओं को दिया संदेश
गुरुवार को शरद पवार ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और उसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि हम संविधान का आदर करने वाले लोग हैं, इसलिए पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करेंगे। इसलिए किसी भी तरह का ऐसा कोई काम न करें, जिससे लोगों को दिक्कत हो।
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सभी एनसीपी कैडर और समर्थकों से ईडी कार्यालय परिसर के पास इकट्ठा न होने की अपील करता हूं। संविधान और संस्थाओं के सम्मान के लिए हमारी परंपरा को ध्यान में रखते हुए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों को सहयोग के लिए अनुरोध करता हूं।’’
अन्ना बोले- मेरे सबूतों में नहीं था पवार का नाम
बैंक घोटाले में नाम आने के बाद पवार के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजार ने उन्हें क्लीन चिट दी है। अन्ना ने गुरुवार को कहा कि मैंने जो सबूत दिए हैं उसमें पवार का नाम नहीं है। अन्ना ने ये भी कहा कि ईडी ने किस आधार पर उनका नाम लिया है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई हो।
क्या है मामला?
घोटाले के संबंध में की गई शिकायत में राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित के अलावा पार्टी नेता हसन मुश्रीफ और कांग्रेस नेता मधुकर चव्हाण के अलावा बैंक के अलग-अलग जिलों की शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के भी नाम हैं। शिकायत में दावा किया गया है कि 2007 से 2011 के बीच बैंक को करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मामले को लेकर नाबार्ड और महाराष्ट्र सहकारिता विभाग की ओर से दायर की गई रिपोर्ट में बैंक को हुए नुकसान के लिए अजित पवार और बैंक के दूसरे निदेशकों को जिम्मेदार ठहराया गया है।