मुंबई. पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले में आरोपी रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर अपनी अटैच संपत्ति बेचकर रकम चुकाने के लिए तैयार हैं। कंपनी पर बैंक अधिकारियों के साथ साठगांठ कर 4355 करोड़ रुपए गबन का आरोप है। बुधवार को एडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन ने वित्त मंत्रालय, आरबीआई और जांच एजेंसियों को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अपना एयरक्राफ्ट, अल्ट्रा लग्जरी कारें और याट-बोट समेत 18 अटैच संपत्तियों को नीलाम करने की बात कही है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएमसी बैंक घोटाले को लेकर केस दर्ज किया है। बुधवार को पुलिस ने पीएमसी बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। यह घोटाले में पांचवीं बड़ी गिरफ्तारी है। इससे पहले एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन (पिता-पुत्र), बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व एमडी जॉय थॉमस भी पकड़े जा चुके हैं। कोर्ट ने बुधवार को राकेश और सारंग वधावन की न्यायिक हिरासत बढ़ाई।
पीएमसी बैंक ने 73% कर्ज एक ही कंपनी को दे दिया, जो एनपीए बन गया
पीएमसी 11,600 करोड़ से ज्यादा जमा राशि के साथ शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है। बैंक ने एचडीआईएल को 6,500 करोड़ का कर्ज दे दिया, जाे बैंक के कुल कर्ज का 73% है। एचडीआईएल के कर्ज नहीं चुकाने से संकट हो गया। आरबीआई ने सितंबर में बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया।
आरबीआई ने पहले निकासी की सीमा 1000 रुपए तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 40 हजार कर दिया गया। अब प्रतिबंध लागू रहने तक खाताधारक बैंक से केवल 40 हजार रुपए ही निकाल सकेंगे। खाताधारकों में आरबीआई के कर्मचारी भी हैं। इनके 200 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हैं। पैसे फंसने से लोगों में आरबीआई के खिलाफ गुस्सा है।