श्रीनगर/नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में 3 कैप्टन शहीद 5 शहीद हो गए। CRPF के एडिशनल डीजी ने बताया कि हमारे पास इस बात के इनपुट्स थे कि ऐसा हमला अंजाम दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हमारे जवान तैयार थे, अब तक 3 आतंकवादी मारे गए हैं। ऑपरेशन अभी जारी है। इसे जल्द खत्म किया जाएगा।” दूसरी तरफ, नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में एक जवान जगसीर सिंह शहीद हो गए। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी. वैद ने कहा- सीआरपीएफ के तीन जवानों को गोलियां लगी हैं। एक शहीद हो गया है। आतंकियों को हम जल्द काबू कर लेंगे।
ये आतंकी मारे गए
– पुलवामा एनकाउंटर में दो टेररिस्ट मारे गए। इनकी पहचान पुलवामा का मंजूर अहमद बाबा और त्राल का फरदीन अहदम खानडे के तौर पर की गई है।
फिदयीन आतंकियों ने किया हमला
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह हमला फिदायीन आतंकियों ने किया। ये दोनों एंट्री गेट पर ग्रेनेड ब्लास्ट कर कैंप में घुसे। दोनों के पास ऑटोमैटिक हथियार हैं। शहीद हुए जवान का नाम सैफुद्दीन सोज बताया गया है। वो श्रीनगर का रहने वाला था।
– इसी कैंप में सीआरपीएफ के नए कमांडोज को ट्रेनिंग भी दी जाती है। घटना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की कमांडो टीम और आर्मी की एक स्पेशल टीम मौके पर पहुंची। ये दोनों टीमें ही ऑपरेशन को लीड कर रही हैं।
तीन जवानों को गोलियां लगीं
– शनिवार-रविवार की दरमियानी रात अचानक कुछ आतंकी सीआरपीएफ की 185वीं बटालियन के कैंप में घुस गए। इन लोगों ने वहां फायरिंग शुरू कर दी।
– अचानक हुए इस हमले में 4 जवान शहीद हो गए जबकि तीन जवान जख्मी बताए गए हैं। उन्हें गोलियां लगी हैं। सभी को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
– हमले की खबर पाकर पुलिस और सीआरपीएफ के अफसर मौके पर पहुंचे। न्यूज चैनलों के मुताबिक, सभी आतंकियों को घेर लिया गया है।
इस साल 2 बड़े हमले हुए
– घाटी में 182 बटालियन बीएसएफ कैम्प पर अक्टूबर में फिदायीन हमला हुआ था। सिक्युरिटी फोर्स की कार्रवाई में सभी 3 आतंकी मारे गए थे। हालांकि, एक जवान भी शहीद हो गया था। तब जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
– इसके पहले जून में सीआरपीएफ के काफिले पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया था। इसमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गया था। वहीं, दो जवान भी जख्मी हुए थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। गाड़ी पर फायरिंग करने के बाद आतंकी पास के एक स्कूल में छिप गए थे। कुछ देर बाद आर्मी ने मोर्चा संभाला था और स्कूल में छिपे सभी आतंकियों को मार गिराया गया था।