विश्वगुरु कहलाए जाने वाले भारत में गुरु बनना टेढ़ी खीर है. शिक्षक बनने के लिए पढ़ाई के बाद भी छात्रों को न केवल परीक्षा से गुजरना पड़ता है, बल्कि जेब भी ढीली करनी पड़ रही है. चाैंकाने वाली बात है कि टीचर बनाने से पहले राज्य सरकारें युवाओं को जमकर लूट रही हैं और आवेदन के नाम पर मोटी फीस वसूल रही हैं.
अध्यापक बनने के लिए पात्रता परीक्षा के रूप में आयोजित होने वाले टीचर्स एलिजिबिलिटी टैस्ट (TET) के आवेदन की फीस हरियाणा में सबसे ज्यादा है. हरियाणा में एससी-एसटी के आवेदकों को एक स्तर के लिए 500 रुपये, जबकि राज्य और उससे बाहर के ओबीसी व सामान्य श्रेणी के आवेदकों को तीनों स्तर की परीक्षा देने के लिए 2400 रुपये तक फीस चुकानी पड़ रही है.
वहीं मध्य प्रदेश में टीईटी के लिए आवेदन फीस का आंकड़ा 1350 रुपये है. जबकि केंद्रीय विद्यालयों-केंद्रशासित प्रदेशों में शिक्षक पद के लिए सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) और अन्य राज्यों में टीईटी के आवेदन के लिए भी छात्रों को 300-1000 रुपये तक आवेदन शुल्क देना पड़ रहा है.एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक और भारतीय शिक्षाविद् जेएस राजपूत का कहना है कि उन्हें यह जानकर अचंभा हो रहा है कि सभी राज्यों में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) के आवेदन की फीस अलग-अलग है. उनका कहना है कि बेरोजगार युवाओं से इतनी मोटी फीस लेना सरासर गलत है. शिक्षक बनने के लिए बीएड के बाद इतनी मोटी फीस जमा कराकर पात्रता परीक्षा के बाद भी कोई गारंटी नहीं कि स्कूल में शिक्षक की नौकरी मिल ही जाएगी.
इन राज्यों में इतनी है TET के लिए आवेदन फीस
राज्य/परीक्षा एप्लीकेशन-फी
C-TET 300-1000 रुपये
हरियाणा TET 500-2400 रुपये
पंजाब TET 600-1200 रुपये
एमपी TET 1300+50 रुपये
यूपी TET 200-400 रुपये
केरल TET 250-500 रुपये
उत्तराखंड TET 300-1000 रुपये
राजस्थान TET 250-800 रुपये