NATO Summit: The North Atlantic Treaty Organization(नाटों) की बैठक इसी महीने की 11 और 12 जुलाई को यूरोपीय देश लिथुआनिया में होने वाली है. इस बैठक पर रुस सहित पुरे विश्व की नजरें टिकी हैं. ये सम्मेलन ऐसे समय पर होने जा रहा है जब रुस और यूक्रेन युद्ध
नई दिल्ली: NATO Summit: The North Atlantic Treaty Organization(नाटो) की बैठक इसी महीने की 11 और 12 जुलाई को यूरोपीय देश लिथुआनिया में होने वाली है. इस बैठक पर रूस सहित पूरे विश्व की नजरें टिकी हैं. ये सम्मेलन ऐसे समय पर होने जा रहा है जब रूस और यूक्रेन युद्ध को एक साल से अधिक हो चुका है लेकिन अभी तक इस युद्ध से कोई भी परिणाम नहीं निकला है. इस युद्ध का असर विश्व की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. नाटों और अमेरिका के लिए एक चुनौती है कि इस युद्ध को रोके. दूसरी ओर यूक्रेन पर दबाव है कि इस संगठन का सदस्य बने और अपने नागरिकों की रक्षा करें. नाटो के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है कि विश्व पर चीन के प्रभाव को कम करना और साउथ चाइना सागर में शांति बनाए रखना.
यूक्रेन के लिए सबसे जरूरी अपनी सुरक्षा है इसलिए जेलेंस्की की सरकार पर दबाव है कि वो नाटो का सदस्य बने और अपने देश की सुरक्षा करे. नाटो के आर्टिकल 5 के मुताबिक अगर कोई देश किसी सदस्य देश पर हमला करता है तो ये पूरे नाटो देशों पर हमला माना जाएगा और सभी देश उसकी सुरक्षा करेंगे. वहीं नाटो देश यूक्रेन की सदस्यता के पक्ष में नहीं हैं. नाटो को लगता है कि इससे रूस के साथ सभी नाटो सदस्य देशों के लिए खतरा बढ़ जाएगा.
नाटो अध्यक्ष का बयान
नाटो के अध्यक्ष का कहना है कि यूक्रेन की सुरक्षा के लिए वो प्रतिबद्ध है और इस बैठक से यूक्रेन की सुरक्षा के लिए कोई समाधान जरूर निकलेगा. वहीं रूस ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि अगर नाटो इस युद्ध में सीधे रूप से भाग लेता है तो विश्व युद्ध हो सकता है और परमाणु हमले करने से भी रुकेगा नहीं.
नाटो का विस्तार
अमेरिका चाहता है कि नाटो की मौजूदगी एशिया में भी हो जिससे चीन को रोका जा सके. ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया भी नाटो की सदस्यता की बात कह चुके हैं. ब्रिटेन और अमेरिका भारत की सदस्यता की भी बात कह चुके हैं. वहीं फ्रांस ने कह दिया है कि नाटो को उत्तर अटलांटिक की सुरक्षा तक ही सीमित रहना चाहिए.
Feel blessed to have prayed at the Bhadrakali Temple in Warangal. May Maa Bhadrakali’s blessings always remain upon us and ensure abundance of prosperity and good health for our people. pic.twitter.com/113pzal6k6
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2023
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