इस्लामाबाद: अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के तीनों मामलों को एक साथ जोड़ने की पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की याचिका इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी. अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने उनकी अपील खारिज करने का आदेश जारी करते हुए कहा कि इस पर विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा. पनामा पेपर्स कांड में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत ने शरीफ और उनके पारिवार के खिलाफ आठ
सितंबर को इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में मुकदमे दर्ज किये. गौरतलब है कि आज दिन में जवाबदेही अदालत ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में चल रही सुनवाई को हाई कोर्ट के फैसले के इंतजार में दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया था. शरीफ के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि तीनों मामलों को एक साथ जोड़ने के संबंध में हाई कोर्ट आज अपना फैसला सुनाने वाला है, इसी आधार पर यह सुनवायी स्थगित की गई है. कड़ी सुरक्षा के बीच शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर आज जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश हुए.
उनके वकील ख्वाजा हारिस ने न्यायाधीश मोहम्म्द बशीर से अनुरोध किया कि वह सुनवाई स्थगित कर दें और भ्रष्टाचार के तीनों मामलों को एक साथ जोड़ने के संबंध में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार कर लें. वकील ने कहा कि तीनों ही मामले आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जमा करने से जुड़े हैं.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस संबंध में 23 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने कल कहा कि वह आज सोमवार को दोपहर के आसपास अपना फैसला सुनाएगी. अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी और शरीफ को घर जाने की अनुमति दे दी. उन्होंने सुनवाई शुरू होने पर उन्हें उपस्थित रहने का निर्देश दिया.