नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करने का चलन है. इस दिन घर की पूरी सफाई की जाती है और छठी मइया के स्वागत के लिए घर आंगन, घर के आगे और पीछे हर स्थान की सफाई होती है. छठ का पर्व चार दिनों का होता है.
नई दिल्ली: छठ को मन्नतों का त्योहार कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. 18 नवंबर से शुरू हो रहा छठ पूजा उत्सव 21 नवंबर तक चलेगा. नहाय खाय के साथ ये महापर्व शुरू हो गया है. पूजा चार चरणों में संपन्न होती है. महिलाओं के लिए खास महत्व वाले इस त्योहार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करने का चलन है. इस दिन घर की पूरी सफाई की जाती है और छठी मइया के स्वागत के लिए घर आंगन, घर के आगे और पीछे हर स्थान की सफाई होती है. छठ का पर्व चार दिनों का होता है और इसका व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता है. इसलिए इसे महापर्व के नाम से जाना जाता है.
छठ पर्व की तारीख
18 नवंबर 2020 दिन बुधवार को नहाय-खाय
19 नवंबर 2020 दिन गुरुवार को खरना
20 नवंबर 2020 दिन शुक्रवार को डूबते सूर्य का अर्घ्य
21 नवंबर 2020 दिन शनिवार को उगते सूर्य का अर्घ्य
नहाय खाय
18 नवंबर बुधवार को नहाय खाय है. इस दिन व्रती महिलाएं नहाने के बाद नए कपड़े पहन कर सूर्य भगवान की पूजा करने के बाद सात्विक खाना खाती है. नहाय खाय को छठ पूजा का पहला दिन होता है. इस दिन व्रती तालाब, नहर या नदी में स्नान करते हैं. नहाय खाय के दिन लौकी और कद्दू की सब्जी खाने की परंपरा है.
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— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) November 17, 2020
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