नई दिल्ली: BJP ने संगठन में किए कई बदलाव कहीं पुराने चेहरे तो, कहीं दूसरे दल से आए नेता पर जताया भरोसा

बीजेपी ने 4 राज्यों पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं. कांग्रेस से आए सुनील जाखड़ को पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है. लंबे समय से तेलंगाना में पांव पसराने की कोशिशों में जुटी बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी पर भरोसा जताया है और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है.

नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2023) और इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2023) को देखते हुए बीजेपी (BJP) ने मंगलवार को बड़े बदलाव किए. बीजेपी ने 4 राज्यों पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं. कांग्रेस से आए सुनील जाखड़ को पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी और तेलंगाना में जी किशन रेड्डी को पार्टी की कमान सौंपी गई है. वहीं, झारखंड में बाबू लाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे. पार्टी हाईकमान ने एटाला राजेंद्र को तेलंगाना में बीजेपी के चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में इसी साल चुनाव होने हैं.

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद अपने दम पर संगठन को मजबूत करने में जुटी बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे, सुनील जाखड़ पंजाब की सिख बहुल राजनीति में एक प्रमुख हिंदू नेता माने जाते हैं.

 2017 से 2021 तक कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं जाखड़
सुनील जाखड़ 2017 से 2021 तक कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वो पिछले साल मई में बीजेपी में शामिल हुए थे. 2002-2017 तक जाखड़ अबोहर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. 2012-2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं. जाखड़ ने फिल्म एक्टर विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली हुई गुरदासपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी.

तेलंगाना में बीजेपी ने की दो अहम नियुक्ति
तेलंगाना में बीजेपी ने एक और अहम नियुक्ति की है. यहां की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से बीजेपी में आने वाले पूर्व मंत्री एटेला राजेंद्र को राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रदेश सरकार में छह मंत्री रेड्डी समुदाय से हैं. तेलंगाना में हुई ये नियुक्तियां राज्य के आगामी चुनावों के मद्देनजर अहम मानी जा रही है. केंद्रीय मंत्री रेड्डी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बंडी संजय कुमार की जगह लेंगे. पिछड़े समुदाय (मुन्नरकापू) से ताल्लुक रखने कुमार को 2020 में प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

जातीय समीकरण का रखा खास ख्याल
रेड्डी और राजेंद्र की नियुक्ति में जातीय समीकरण का भी खासा ख्याल रखा गया है. किशन रेड्डी जहां सर्वण हैं, वहीं राजेंद्र ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में रेड्डी की नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के एक नेता ने कहा कि उनकी छवि हर जाति में स्वीकार्यता वाले नेता की है. उन्होंने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि रेड्डी और राजेंद्र की नियुक्ति से बीजेपी की समाज के हर वर्ग में पहुंच सुनिश्चित होगी.

बीजेपी ने 2020 के उपचुनाव में किया था अच्छा प्रदर्शन
बीजेपी ने 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और हुजुराबाद, दुब्बाका निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया. पार्टी ने 2019 के लोक सभा चुनाव में तेलंगाना में चार सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि नयी नियुक्तियों से पार्टी के अभियान को राज्य में और बल मिलेगा. रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश में राज्य में बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं वह 2002 से 2005 के बीच बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं.

झारखंड में मरांडी की नियुक्ति भी अहम
झारखंड में मरांडी की नियुक्ति को भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि वह जनजातीय समुदाय से आते हैं. राज्य में इसी समुदाय की हितैषी होने का दावा करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्तारूढ़ है. झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे मरांडी के अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी नेताओं से मतभेद हो गए थे. इसके बाद उन्होंने 2006 में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन कर लिया था. वर्ष 2020 में उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया था. मरांडी झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र से आते हैं और पहले भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

झारखंड के पहले सीएम थे मरांडी
बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 1991 और 1996 में वे लोकसभा चुनाव हारे थे, लेकिन 1998 के चुनाव में उन्होंने शिबू शोरेन को संथाल से हराया था. 2006 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता से भी इस्तीफा देकर झारखंड विकास मोर्चा नाम से नई राजनीतिक पार्टी बना ली थी.

डी पुरंदेश्वरी की नियुक्ति से होगा फायदा?
आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सोमू वीराजू की जगह ली है. पुरंदेश्वरी को ऐसे समय में प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी गई है, जब केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी और वहां की प्रमुख विपक्षी पार्टी तेलूगु देशम पार्टी (TDP) के बीच गठबंधन की चर्चा जोरों पर है. पुरंदेश्वरी टीडीपी के संस्थापक व आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की बेटी हैं. टीडीपी के वर्तमान अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू स्वर्गीय रामाराव के दामाद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री किरन रेड्डी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाकर बीजेपी ने आंध्र प्रदेश के रेड्डी समुदाय को भी संदेश देने का काम किया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी हैं.

वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस का दामन छोड़कर हाल ही में बीजेपी में शामिल होने वाले किरन कुमार रेड्डी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया है.

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