21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्मे सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए.
नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता सरदार बूटा सिंह का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में जन्मे सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए.
21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गाँव में जन्मे सरदार बूटा सिंह आठ बार लोकसभा के लिए चुने गए। नेहरू-गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे सरदार बूटा सिंह ने भारत सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और अन्य कार्यभार के इलावा बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का संचालन किया। सरदार बूटा सिंह की मृत्यु को कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जाता है क्यूंकि ऐसे समय में जब वह राष्ट्रीय राजनीति में जीवित रहने के लिए जूझ रही है तो उस मौके पर पार्टी के सब से बड़े दलित नेता का जाना एक बहुत बड़ी कमी है।
गौरतलब है कि जब 1977 में ‘जनता लहर’ के चलते कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से हार गई थी, तो सरदार बूटा सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी के एकमात्र राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कड़ी मेहनत करने के बाद पार्टी को 1980 में फिर से सत्ता में लाने के लिए उन्होंने अमूल्य योगदान दिया था।
Feedbacks received after the dry run in 4 states were included in guidelines for vaccination & today's dry run in all states/UTs is being conducted as per new guidelines. Except for giving actual vaccine, every procedure is being followed during the drill: Union Health Minister https://t.co/5XgB3K03o1 pic.twitter.com/KKLUJyKWG6
— ANI (@ANI) January 2, 2021
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