अयोध्या को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए भारत सरकार के कई मंत्रालय मिलकर मास्टर प्लान पर काम कर रहे हैं.
नई दिल्ली : अयोध्या को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक और पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए भारत सरकार के कई मंत्रालय मिलकर मास्टर प्लान पर काम कर रहे हैं.अयोध्या को लेकर सड़क और परिवहन मंत्रालय ने भी कुछ खास योजना बनाई है. ये योजना है अयोध्या में सड़कों का जाल बिछाने का.
भगवान राम के जन्म स्थल से लेकर उनके वनवास और मां जानकी के जन्मस्थल जनकपुर तक सड़को का जाल बिछाने का रोड मैप तैयार किया है.
1. राम जानकी मार्ग – अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि से मां सीता के जन्मस्थल जनकपुर तक राम जानकी मार्ग का निर्माण किया जा रहा है. 218 किलोमीटर लंबी ये सड़क अयोध्या से छावनी , कलवारी, बड़हलगंज, बरहज , सिवान , चोकीआ , मधुबनी , सीतामढ़ी से नेपाल बॉर्डर होते हुए जनकपुर तक जाएगी. इस मार्ग से ही प्रभु श्री राम स्वयम्वर के लिए जनकपुर गए और सीता मैया से विवाह कर वापस आये थे अयोध्या. जिसकी कुल लागत 506 करोड़ है.
2. राम वनगमन मार्ग – भगवान राम से जुड़े और भी जगहों को आपस मे सड़को के साथ जोड़ा जा रहा है. प्रभु श्री राम वनवास के दौरान जिन रास्तों से गए थे उन रास्तो को जोड़ते हुए 262 किलोमीटर राम वनगमन मार्ग तैयार किया जा रहा है जो अयोध्या को चित्रकूट से जोड़ेगा .
अयोध्या से फैज़ाबाद, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जेठवारा, श्रृंगवेरपुर , मंझनपुर, राजपुर होते हुए चित्रकूट पहुचेगा. इस सड़क की लागत 1800 करोड़ है.
84 कोशी परिक्रमा मार्ग…84 कोशी परिक्रमा मार्ग …करीब 275 किलोमीटर का है. उसे भी जोड़ने के लिए एनएचएआइ (NHI) ने सर्वे शुरू कर दिया है. ये यूपी के 5 जिलों बस्ती, फैज़ाबाद, अम्बेडकरनगर ,बाराबंकी और गोंडा में फैला हुआ है. 84 कोसी यात्रा का हिंदुओं में बहुत ही ज्यादा मान्यता है माना जाता है कि 8400000 योनियों में भटकने से बचने के लिए अयोध्या की 84 कोसी यात्रा करते हैं और राजा दशरथ के वक्त अयोध्या इन 5 जिलों में फैला हुआ था. सरकार की योजना है कि चौरासी कोस मार्ग के साथ ही इन 5 जिलों के धार्मिक स्थल को भी विकसित किया जाए.
इसके अलावा सड़क परिवहन मंत्रालय ने अयोध्या बाईपास के सौंदर्यीकरण के लिए 55 करोड़ मंजूर किये है. अयोध्या शहर में प्रवेश करने वाले इस बाईपास को खास तौर से तैयार किया जा रहा है. सड़क के बीच फव्वाड़ा और रामायण से जुड़े प्रतिमाये लगाई जाएंगे.
अयोध्या से जुड़ने वाली लखनऊ गोरखपुर हाईवे को 4 लें से 6 लेन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है.
The agenda of the meet included finalization of dates of 32nd session of Program, Budget and Administration Committee (PBAC), and resumed sessions of 73rdWorld Health Assembly (WHA 73) and 147th Executive Board 147 (EB 147).https://t.co/OlRz2arPSK pic.twitter.com/GQyr9KBje3
— DD News (@DDNewslive) July 31, 2020
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