इमरान खान के पाकिस्तान में हिंदू होना एक अपराध बन गया है। वर्ना जो लड़की अपनी सफलता पर दो बजे अपने कॉलेज में लड्डू बांट रही थी वो आत्महत्या कैसे कर सकती है। निम्रता चंदानी का भाई विशाल कह रहा है कि फॉरेंसिक जांच करा लीजिए लेकिन इमरान खान की पाकिस्तानी पुलिस तैयार नहीं है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान में एक बार फिर एक हिंदू लड़की का कत्ल कर दिया गया है। ननकाना साहिब के बाद मंगलवार को सिंध प्रांत के घोटकी में मेडिकल की छात्रा का शव उसके हॉस्टल के कमरे में मिला। घरवालों ने हत्या का शक जताया है जिसके बाद पूरे कराची में गुस्सा है। 24 साल की निम्रता चंदानी के लिए इंसाफ की मांगी की जा रही है। वहीं इमरान खान का पूरा का पूरा पुलिस महकमा ये साबित करने में जुट गया है कि ये हत्या नहीं आत्महत्या है।
इमरान खान के पाकिस्तान में हिंदू होना एक अपराध बन गया है। वर्ना जो लड़की अपनी सफलता पर दो बजे अपने कॉलेज में लड्डू बांट रही थी वो आत्महत्या कैसे कर सकती है। निम्रता चंदानी का भाई विशाल कह रहा है कि फॉरेंसिक जांच करा लीजिए लेकिन इमरान खान की पाकिस्तानी पुलिस तैयार नहीं है क्योंकि उनको लगता है कि अगर सच बाहर आ गया तो संयुक्त राष्ट्र में किस हैसियत से कश्मीर में मुस्लमानों पर अत्याचार का रोना रोएगा।
बताया जा रहा है कि हॉस्टल के कमरे में निम्रता चंदानी का शव मिला। उसकी गर्दन पर एक कपड़ा बंधा हुआ था। सुबह हॉस्टल में दूसरी लड़कियों ने दरवाजा खटखटाया और जब दरवाजा नहीं खुला तो दरवाजा तोड़ा गया। अंदर निम्रता का बेजान शरीर चारपाई पर पड़ा था। ये सब जानते हैं पाकिस्तान में हिंदू होना रोज एक नई जिंदगी जीने के बराबर है। निम्रता के भाई पाकिस्तान के एक बड़े डॉक्टर हैं लेकिन ना पुलिस सुन रही है और ना ही कोर्ट। सब इस मौत पर पर्दा डालने में लगे हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही ननकाना साहिब में एक सिख लड़की को अगवा कर जबरन शादी कराने और धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया था। इसके बाद बवाल मच गया और इमरान खान तक को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था। पाकिस्तान में अखबार से लेकर टीवी पर यही चर्चा चल रही है निम्रता की हत्या के पीछे हिंदू वाली साजिश तो नहीं क्योंकि जहां निम्रता रहती है, वहां कुछ दिन पहले मंदिरों को तोड़ा गया था और कई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन भी कराया गया था। पाकिस्तान में ये सब तब हो रहा है जब वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और अल्पसंख्यकों के साथ खराब बर्ताव का आरोप लगा रहे हैं।