नई दिल्लीः दिल्ली में किसान हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने बैठक कर बड़ा फैसला लिया है। राजधानी में उपद्रवियों से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनी तैनात की जाएंगी। सीआरपीएफ की 10 में कंपनियों में एक हजार जवान तैनात होंगे, जबकि 5 अन्य पैरामिलिट्री फोर्स के 500 जवान शांति व्यवस्था कायम करने को मुस्तैद किए जाएंगे। किसान गहमागहमी के बीच लाल किला पहुंचे जहां, उन्होंने अपना झंडा फहराया।
मंगलवार को किसान हिंसा के बाद गृहमंत्री अमितशाह के नेतृत्व में बैठक हुई, जहां उन्होंने हालात की समीक्षा की। बैठक अशांति वाली जगह 15 कंपनियों के 1500 जवाब तैनात करने का फैसला लिया गया। सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, नांगलोई समेत अन्य बॉर्डरों पर पैरामिलिट्री के जवान खड़े होंगे, जो उपद्रव की हर गतिविधि पर पहली नजर रखेंगे। दिल्ली प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए अशांत इलाकों में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया है।
बता दें कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी में हालात बेकाबू होने के बाद गृह मंत्रालय ने बैठक कर यह बड़ा फैसला लिया है। स्थिति पर खुफिया एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से तीन बॉर्डरों से किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने अनुमति दी थी।
आईटीओ के पास किसान और पुलिस में तीखी झड़प देखने को मिली। किसानों ने पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी प्रयोग किया। बाज नहीं आने पर पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने को लाठीचार्ज भी किया।
कानून व्यवस्था बिगड़ती देख दिल्ली प्रशासन ने राजधानी के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पुलिस उपद्रवी किसानों को चिन्हित कर मुकदमे भी दर्ज कर सकती है। दिल्ली एनसीआर में कितनी जगह हिंसा हुई सभी की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। किसान नेताओं ने उपद्रव की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है।
Delhi: Latest visual from Red Fort. https://t.co/R6le6MZw5A pic.twitter.com/eOf1hWFfpw
— ANI (@ANI) January 26, 2021
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