India China Border Dispute news: भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में तीन जगहों पर पीछे हटी हैं। मगर पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं है। वहां पर चीन के सैनिक अब भी मौजूद हैं।
The Chinese have walked in and taken our territory in Ladakh.
Meanwhile
The PM is absolutely silent and has vanished from the scene.https://t.co/Cv06T6aMvU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 10, 2020
नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर शांति बहाल करने की कोशिशों के तहत भारत और चीन की सेनाएं जीन जगहों पर ‘थोड़ा’ पीछे हटी हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर तनाव दूर करने के लिए आज से मिलिट्री बातचीत का एक और दौर शुरू हो रहा है। हालांकि पेंगोंग शो झील के उत्तरी किनारे पर जहां दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं, वहां पर कोई चेंज नहीं है। मई के शुरुआती दिनों में भारत की पेट्रोलिंग को ब्लॉक करने के लिए चीनी सैनिकों ने उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 तक का पूरा इलाका कब्जा लिया था।
सैनिकों का पीछे हटना शांति का संकेत
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहां कि गलवां घाटी के झड़प वाली जगहों (पैट्रोलिंग पॉइंट 154 और 15) से ‘सीमित संख्या में दोनों तरफ से सैनिकों ने कदम वापस लिए’ हैं। इसके अलावा पिछले दो दिन में गोगरा से भी सैनिक पीछे हटे हैं। यह साफ संकेत है कि हिमालयन क्षेत्र में अब वाकई में तनाव खत्म होने जा रहा है। इन साइट्स पर दोनों देशों की सेनाएं युद्ध के साजोसामान के साथ आमने-सामने थीं। दोनों ‘करीब एक से दो किलोमीटर’ पीछे हटी हैं।
चीन को अभी और पीछे जाना होगा
एक सूत्र ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इन इलाकों से करीब 20 गाड़ियां वापस बुलाई हैं। हालांकि ये पर्याप्त नहीं है क्योंकि वे पहले आए थे। उन्हें और पीछे हटाना होगा।’ चीनी सैनिक LAC पार करते हुए 3 किलोमीटर तक घुस आए थे। साथ ही अपने इलाकों में टैंक और आर्टिलरी गन्स के साथ 5 से 7 हजार सैनिक तैनात कर दिए थे। भारत ने थोड़ी देर से ही सही, मगर चीन के जवाब में उतनी ही स्ट्रेन्थ के साथ खूंटा गाड़ दिया है।
अभी तक पूरी सहमति नहीं
टीओआई से एक सूत्र ने कहा कि गलवान और गोगरा में शांतिपूर्ण ढंग से पीछे जाने पर यूं तो सहमति है मगर असली बातचीत बैठकों में होगी। बुधवार या गुरुवार को मेजर जनरल लेवल की बातचीत हो सकती है। अभी तक पूरी तरह से सहमति नहीं बनी है। पेंगोंग झील को लेकर अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। इसके लिए एक और हाई-लेवल बातचीत की जरूरत पड़ सकती है। 6 जून को 14 कॉर्प्स के कमांडर ले. जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण झिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ मेजर जनरल लिउ लिन के बीच चुशुल-मोल्दो बॉर्डर पर्सोनल मीटिंग पॉइंट पर मुलाकात हुई थी।
6 जून की मीटिंग लाई है रंग
सूत्रों के मुताबिक, 6 जून की उसी बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के ‘आंशिक रूप से पीछे हटने’ पर सहमति बनी। डिप्लोमेटिक चैनल्स से बातचीत भी चल रही है। भारत चाहता है कि सीमा पर अप्रैल से पहले जो हालात थे, वही फिर से हों। इसके लिए चीनी सेना को फिंगर 4 से अपने सैनिक हटाने होंगे और इलाके में बनाएं गए बंकर्स और अन्य स्ट्रक्टर ध्वस्त करने पड़ेंगे।
कितनी ताकतवर है चीनी फोर्स
बॉर्डर पर क्यों धौंस दिखा रहा चीन
पैंगोंग झील के किनारे ही 5-6 मई को दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए थे और कई घायल हुए थे। चीन के इस कदम के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं। इनमें लद्दाख को पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश बनाना भी शामिल है। मगर उसकी मेन वजह भारत की ओर से 225 किलोमीटर लंबी दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर फीडर लिंक्स और पुलों का निर्माण है। चीनी की ओर से आने वाले विदेशी निवेश की स्क्रूटनी और आत्मनिर्भर भारत के तहत कारोबारियों को आकर्षित करने की नीति भी चीन के इस कदम के पीछे की वजह हो सकती है।
दिल्ली में कोरोना वायरस के 1,366 नए मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में अब कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 31,309 है, जिसमें 18,543 सक्रिय मामले, 11,861 ठीक/डिस्चार्ज/विस्थापित हो चुके मामले और 905 मौतें शामिल हैं: दिल्ली स्वास्थ्य विभाग #COVID19 pic.twitter.com/LM2c7nBzpx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 10, 2020
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