New Delhi: Voice of Global South Summit : वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट ( Voice of Global South Summit ) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए PM मोदी ( PM Narendra Modi ) ने कहा कि पिछले 2 दिन में इस समिट में 120 से ज्यादा विकासशील देशों ने शिरकत की। यह ग्लोबल साउथ की सबसे बड़ी वर्चुअल सभा है… पिछले 3 साल खासकर हमारे जैसे विकासशील देशों के लिए कठिन रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि नए साल की शुरूआत एक नई आशा का समय है। हम सभी ग्लोबलाइजेशन का समर्थन करते हैं। भारत ने हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में देखा है.
भारत एक ‘ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करेगा ( Voice of Global South Summit )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi at Voice of Global South Summit ) ने कहा कि लेकिन विकासशील देश ऐसा ग्लोबलाइजेशन चाहती हैं जिससे जलवायु संकट या ऋण संकट उत्पन्न न हो। हम ऐसा ग्लोबलाइजेशन ( human-centric globalisation ) चाहते हैं जिससे वैक्सीन का असमान वितरण न हो, जिसमें समृद्धि और मानवता की भलाई हो. हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ब्रेटन वुड्स संस्थानों सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों में तत्काल एक मौलिक सुधार की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक ‘ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करेगा.
नए प्रोजेक्ट ‘आरोग्य मैत्री’ के बारे बताया ( Voice of Global South Summit )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि मुझे एक नए प्रोजेक्ट ‘आरोग्य मैत्री’ के बारे में बताते हुए खुशी हो रही है। इसके तहत भारत प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय संकट का सामना कर रहे विकासशील देशों को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराएगा.
ओपीएस, जिसे लेकर बहस चल रही है, मैं फिर कहना चाहूंगा कि हमारी सरकार ने सोच-समझकर, गुणा-भाग करके मानवीय दृष्टिकोण से ओपीएस लागू की है, 35 साल तक सर्विस करता है कोई व्यक्ति, उसको कॉन्फिडेंस रहना चाहिए कि सरकार जो पहले ध्यान रखती थी बुढ़ापे में वो ही ध्यान रखेगी ओपीएस के माध्यम से.. pic.twitter.com/SSeMNUmosl
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 13, 2023
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