नई दिल्ली. जापान में 60 साल के सबसे ताकतवर तूफान हगिबीस से मरने वालों की संख्या 35 पहुंच गई है। रविवार को तूफान से टोक्यो के मेट्रोपोलिटन एरिया में भारी तबाही हुई। इससे ज्यादातर नदियां खतरे के निशान को पार कर गईं। इसी बीच भारतीय नौसेना ने जापान की मदद के लिए दो युद्धपोत भेजे हैं। आईएनएस शहयाद्री और आईएनएस किल्तान भारी बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ही हगिबीस तूफान से हुई तबाही पर दुख जताया था। उन्होंने ट्वीट में कहा था कि भारत इस मुश्किल घड़ी में जापान के साथ हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जापान में मौजूद भारतीय नौसेना के जवान राहत कार्य में मदद करने के लिए तैयार हैं। जापान में इस वक्त करीब 1 लाख लोग राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। इनमें 27,000 जापानी सैनिक शामिल हैं।
लगातार बारिश से नदियां खतरे के निशान से ऊपर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वक्त जापान के 3,76,000 घरों में बिजली गायब है। अफसरों का कहना है कि 14 हजार घरों में पीने का पानी तक नहीं है। 12 शहरों में करीब 48 जगहों पर भूस्खलन हुआ। वहीं 21 नदियों के आसपास तटीय इलाके पूरी तरह डूब चुके हैं, जिससे इनके आसपास बने पुल क्षतिग्रस्त हो गए। बांधों में ओवरफ्लो के चलते बड़ी तबाही रोकने के लिए कुछ पानी भी छोड़ा गया है।
भारी बारिश से बुलेट ट्रेनों को नुकसान पहुंचा
हगिबीस तूफान के चलते पूरे जापान में ट्रेन सेवाएं बाधित हैं। कई जगहों पर भारी बारिश और बाढ़ के चलते बुलेट ट्रेन रोक दी गईं। ईस्ट जापान रेलवे कंपनी के मुताबिक, भारी बारिश से 10 बुलेट ट्रेनों और 120 डिब्बों को नुकसान पहुंचा है। विमान सेवाओं में भी रविवार को कुछ खास सुधार नहीं आया और कई फ्लाइट्स कैंसल रहीं, हालांकि अफसरों ने सोमवार तक हालात में सुधार की उम्मीद जताई है।
कई शहरों में 16 फीट तक पानी भरा
तेज बारिश के चलते राजधानी टोक्यो के आसपास ज्यादातर इलाकों में 16 फीट तक पानी भर गया। टोक्यो से 50 किमी दूर कावागोए शहर में बाढ़ की वजह से एक वृद्धाश्रम में 260 लोग फंस गए। प्रशासन उन्हें नावों के जरिए बाहर निकालने में जुटा है। इसके अलावा नागानो की चिकुमा नदी में बारिश से रेलवे ब्रिज ढह गया। ज्यादातर इलाकों में ट्रेन सेवाओं को भी रोक दिया गया।