नई दिल्ली. जेएनयू हिंसा मामले पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया। पुलिस ने कहा- यह बेहद संवेदनशील मामला है, इसलिए जांच के दौरान ही हमने मीडिया ब्रीफिंग का फैसला किया। मीडिया 5 तारीख की शाम की घटना को कवर कर रहा है। 1 से 5 तारीख के बीच में प्रशासन ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का फैसला किया। 4 प्रमुख छात्र संगठन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के खिलाफ थे। पिछले साल 28 अक्टूबर से ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे। ये विशेष गुट किसी को रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे, कोई कोशिश करता था तो उसे डरा रहे थे। 3 जनवरी को दोपहर 1 बजे इन गुटों के सदस्य सीआईएस दफ्तर में जबरदस्ती दाखिल हुए और वहां का जो स्टाफ था, उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया। सर्वर रूम को बंद कर दिया।
Delhi Police PRO, MS Randhawa: The investigation regarding the criminal cases filed in connection with #JNUViolence incident is being done by Crime Branch. But it has been observed that a lot of misinformation related to these cases is being circulated. pic.twitter.com/aR6PrcjUXM
— ANI (@ANI) January 10, 2020
इससे पहले पुलिस ने कहा- जेएनयू हिंसा मामले पर क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। आमतौर पर हम जांच खत्म होने के बाद मीडिया को ब्रीफ करते हैं। मगर, मीडिया की ओर से कहा जा रहा था कि आपने अब तक जितनी जांच कर ली है, उसके बारे में बताएं। हमने पाया कि फिलहाल इस केस में गलत सूचनाएं, अफवाहें ज्यादा फैल रही है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद यही है कि हम जांच के बारे में सही जानकारी पहुंचा सकें। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि अब तक जो जांच हो चुकी है, उसके बारे में अपडेट किया जाए। हम जो भी सूचना शेयर कर रहे हैं, वो काफी संवेदनशील है।
सुरक्षाकर्मी बचाव करने गए तो उन्हें भी चोटें आईं
जेएनयू प्रशासन ने सर्वर रूम को री-स्टोर किया। इसके बाद 4 जनवरी को इसी गुट ने फिर दफ्तर में घुसपैठ की और सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाया। इससे सभी बच्चे और अधिकारी परेशान हो गए। 5 तारीख को सुबह 11:30 बजे स्टाफ रजिस्ट्रेशन की कोशिश कर रहा था। ये लोग एक जगह बैठे हुए थे, एक दल आया और स्टाफ से गेट पर चलने को कहा, उन्हें पीटा गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी बचाव करने गए तो उन्हें भी चोटें आईं। 3:45 बजे इन्हीं लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर तोड़फोड़ की, लोगों को चोट भी पहुंची। यहां कुछ खास कमरों पर ही हमला किया गया। इसके बाद पुलिसवाले पहुंचे। इसके बाद टी प्वाइंट पर छात्रों और शिक्षकों के बीच शांति वार्ता हो रही थी। इसी दौरान एक ग्रुप आया, उन्होंने नकाब पहन रखे थे। उनके हाथ में डंडे थे और उन्होंने साबरमती हॉस्टल में घुसकर मारपीट की।
JNU violence incident: Delhi Police releases images of the suspects, caught on the CCTV camera. #Delhi pic.twitter.com/UqNZCwKFId
— ANI (@ANI) January 10, 2020
पुलिस- कैम्पस में रहने वाले लोगों से भी बातचीत की जा रही
दिल्ली पुलिस ने कहा- पहचान के लिए हम जांच की कोशिश कर रहे हैं। कैम्पस में रहने वाले लोगों से भी बातचीत की जा रही है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि कौन अंदर का आदमी है और कौन बाहर का है। कुछ वॉट्सऐप ग्रुप भी घटना के दिन ही बनाए गए।पहचान के लिए हम जांच की कोशिश कर रहे हैं। कैम्पस में रहने वाले लोगों से भी बातचीत की जा रही है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि कौन अंदर का आदमी है और कौन बाहर का है। कुछ वॉट्सऐप ग्रुप भी घटना के दिन ही बनाए गए। हम लोग सीसीटीवी फुटेज हासिल करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हम उन्हें हासिल नहीं कर पाए। हम कुछ वीडियो और फोटोज के जरिए भी जांच की कोशिश कर रहे हैं। 30-32 तक लोगों से बातचीत की है। वायरल वीडियो के जरिए लोगों से पूछताछ कर रहे हैं।
याचिका में घटना से जुड़े वीडियो-फोटो दोबारा प्राप्त करने का अनुरोध
इससे पहले, जेएनयू के 3 प्रोफेसरों ने शुक्रवार को कैंपस में हुई हिंसा के सबूतों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। याचिकाकर्ताओं में प्रोफेसर अमित परमेश्वरन, अतुल सूद और एस.वी.सावंत का नाम शामिल। सभी ने याचिका में समस्त डिजिटल प्लेटफाॅर्म से घटना से जुड़े वीडियो-फोटो दोबारा प्राप्त करने का अनुरोध किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुलपति एम.जगदीश कुमार के साथ दोबारा बैठक की। कुलपति ने कहा- कैंपस में स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य है। हम हर छात्र की मदद के लिए तैयार हैं। यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट में 60 मेंबर हैं। चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आइशी घोष, वास्कर, सुचेता, प्रिया रंजन, सामंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल शामिल हैं, इन लोगों की पहचान की गई है। मैं इन लोगों को नोटिस भेजने जा रहा हूं। मैं इनसे पूछताछ करूंगा।
Dr. Joy Tirkey, DCP/Crime, Delhi Police on #JNUViolence: No suspect has been detained till now, but we will begin to interrogate the suspects soon. pic.twitter.com/WtpqVvx1nb
— ANI (@ANI) January 10, 2020
डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा- जेएनयू में मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाओं में एसआईटी ने स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन छात्र संगठनों के सदस्यों की पहचान की है। इन लोगों को जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा।
एचआरडी मंत्रालय का कुलपति के इस्तीफे से इनकार
मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्थिति सामान्य करने में जुटा है। सचिव अमित खरे ने शुक्रवार को कुलपति एम.जगदीश कुमार और तीन रेक्टरों समेत यूनिवर्सिटी के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आपात बैठक की। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि छात्रों की कुलपति के इस्तीफे की मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कुलपति ने कहा- यूनिवर्सिटी अपना काम जारी रखेगी
कुलपति एम.जगदीश कुमार ने कहा- यूनिवर्सिटी अपना काम और शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखेगी। हॉस्टल की फीस में वृद्धि समेत एचआरडी मंत्रालय की बैठक में हुए सभी निर्णय पूरी तरह लागू किए जाएंगे। यह निर्णय 11 दिसंबर को हुई बैठक में लिए गए थे। अगर जरूरत पड़ी तो अगले सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन की तारीख आगे बढ़ाई जाएगी। छात्रों से सर्विस चार्ज नहीं वसूला जाएगा। यह खर्च यूजीसी वहन करेगी।
दिल्ली पुलिस को अब तक 14 शिकायतें मिलीं
Dr Joy Tirkey, DCP/Crime: JNU administration decided to go for online registration of students from Jan 1-5. JNU Students' Union including Students Front of India,All India Students Federation,All India Students Association&Democratic Students Federation were against it. pic.twitter.com/Ep9x7Bka0H
— ANI (@ANI) January 10, 2020
दिल्ली पुलिस ने कहा- शुक्रवार को जेएनयू हिंसा से जुड़ी 3 और शिकायतें प्राप्त हुईं। पुलिस को अब तक इस मामले में कुल 14 शिकायतें मिली हैं। पुलिस ने लोगों को सामने आने और हिंसा का वीडियो प्रस्तुत करने की अपील की है। 12 लोगों ने पुलिस को अभी तक हिंसा से जुड़े सबूत दिए हैं। साथ ही बयान दर्ज कराए हैं। अभी तक इस मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है