पूछताछ में जमातियों ने खुलासा किया है कि वे जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन 20 मार्च को मरकज से जाना चाहते थे, लेकिन मौलाना साद ने उन्हें रोक लिया.
नई दिल्ली:तब्लीगी मरकज (Tablighi Markaz) के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) को महत्वपू्र्ण जानकारी हाथ लगी है. क्राइम ब्रांच ने तब्लीगी मरकज के 700 विदेशी जमातियों को पूछताछ में शामिल होने को लेकर नोटिस दिया था. अब तक 300 जमातियों से पूछताछ हो चुकी है और 400 जमातियों से पूछताछ बाकी है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अब तक की पूछताछ में जमातियों ने खुलासा किया है कि वे जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन 20 मार्च को मरकज से जाना चाहते थे, लेकिन मौलाना साद ने उन्हें रोक लिया. इस खुलासे से पुलिस को मौलाना साद (Maulana Saad) के खिलाफ और महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं. पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन (Lockdown) से पहले पुलिस की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद भी मौलाना साद ने जमातियों को मरकज में रोका.
West Bengal: Chittaranjan Locomotive Works (CLW) dispatched the first loco of the financial year 2020-21 after CLW workshop re-opened with limited staff on 11th May after a gap of 49 days due to #COVID19. It was done within 3 days of the resumption of work. pic.twitter.com/pqXG9pqhPM
— ANI (@ANI) May 15, 2020
तय किया था कि विदेशों से भारत आये तब्लीगी जमातियों को काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा. इन देशों ने अपने नागरिकों के लिए काउंसिलर एक्सेस मांगा था. तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान से अधिकांश लोग आए थे. ये देश के 824 अलग-अलग हिस्सों में गए, वहीं 216 विदेशी नागरिक निज़ामुद्दीन मरकज में मौजूद थे. 960 लोगों के खिलाफ वीजा उल्लंघन के मामले में कार्रवाई हुई.
Delhi High Court asks Delhi Government to a file reply on a batch of petitions challenging the levying of special "Corona fee" on liquor in the national capital. pic.twitter.com/vy2n1yQjQd
— ANI (@ANI) May 15, 2020
उधर, दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad) के मामले को NIA को सौंपने की मांग की गई है. एनआईए आतंकी संगठनों और उनकी साजिशों की जांच के मामलों की जांच के लिए जानी जाती है. मौलाना साद के तार विदेशी फंडिंग और तमाम तरह से अवैध पैसों के ट्रांजक्शन से जुड़े होने को देखते हुए यह मांग की गई है.
महाराष्ट्र निवासी घनश्याम उपाध्याय की ओर से दायर अर्जी में मांग की गई है कि कोर्ट NIA को एक निश्चित समयसीमा के अंदर जांच पूरी करने को कहे. कोर्ट ख़ुद जांच की मॉनीटरिंग करे और समय समय पर जांच की प्रगति के बारे में एजेंसी से रिपोर्ट तलब की जाए
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