प्रधानमंत्री ने हमेशा जोर दिया है कि लोगों की सेवा करने और युवाओं को सशक्त बनाने से देश शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में स्वामी विवेकानंद की आदमकद मूर्ति का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस अनावरण कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित रहेंगे।
बयान में कहा गया कि स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत और संदेश आज भी देश के युवाओं को राह दिखाते हैं और भारत को गर्व है कि यहां पैदा हुई उनकी जैसी महान शख्सियत आज भी दुनिया भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करती है। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कहते रहे हैं कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श जितने उनके जीवनकाल में प्रासंगिक थे वह आज भी हैं। प्रधानमंत्री ने हमेशा जोर दिया है कि लोगों की सेवा करने और युवाओं को सशक्त बनाने से देश शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है और इससे देश की वैश्विक साख भी बढ़ती है। भारत की समृद्धि और शक्ति यहां के लोगों में निहित है और सभी को सशक्त करने से ही देश आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा
नोटबंदी पर जश्न मनाना पीड़ितों की कब्र पर केक काटने जैसा: शिवसेना
शिवसेना ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नोटबंदी की चौथी सालगिरह मनाना उन लोगों की कब्रों पर केक काटने के समान है जो इसकी वजह से बर्बाद हुए और जिनमें से कइयों ने आत्महत्या तक कर ली थी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में वर्ष 2016 के नोटबंदी के फैसले को भारत के इतिहास का काला अध्याय करार दिया।
पार्टी ने दावा किया कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से देश के हितों को नुकसान हुआ। सामना ने लिखा कि फैसले (नोटबंदी के) पर जश्न मनाना, जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हुई, नौकरियां चली गई, आत्महत्याएं की गई और कारोबार एवं उद्योग तबाह हो गए, वैसा ही है जैसे ऐसे लोगों की कब्रों पर जन्मदिन का केक काटना।
पुराने नोटों को बंद करने के फैसले की चौथी सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इससे कालाधन कम करने और पारदर्शिता लाने में मदद मिली। शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने बिहार विधान सभा चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मुद्दा उठाया लेकिन लोगों को प्रभावित करने में असफल रही। सामना ने लिखा कि बिहार की फिजा तेजस्वी यादव (राजद नेता) द्वारा 10 लाख नौकरियां देने के वादे के बाद बदल गई। उनकी रैलियों में भारी भीड़ देखी गई। इनमें अधिकतर बेरोजगार युवा थे, यह क्या संकेत करता है?
The emphasis of EC is that procedures & guidelines relating to counting & COVID are to be sincerely followed. EC has directed that officials need not be in haste or hurry to declare results, they should take as much time as naturally required: Secy-Gen, Election Commission pic.twitter.com/scP5SvOpyI
— ANI (@ANI) November 10, 2020
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