बाजर खुलते ही सेंसेक्स 2400 से ज्यादा अंक गिरा, तो निफ्टी करीब 750 अंक नीचे चला गया.
नई दिल्ली: कोरोना के कहर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में कोहराम मचा है. अब इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर दिख रहा है. बाजर खुलते ही सेंसेक्स 2400 से ज्यादा अंक गिरा, तो निफ्टी करीब 750 अंक नीचे चला गया. सेंसेक्स अब 3,000 अंकों तक गिर गया है.
गुरुवार को भी शेयर बाजार में तबाही का मंजर देखने को मिला था. सेंसेक्स में 3000 अंकों या 8 फीसदी की भारी गिरावट ने निवेशकों को करारी चपत लगाई और निफ्टी भी 8 फीसदी से ज्यादा टूटकर 9600 के नीचे जा गिरा. बाजार में जबरदस्त गिरावट से निवेशकों में कोहराम मच गया और इस गिरावट में इंवेस्टर्स के 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. दलाल स्ट्रीट पर मचे इस हाहाकार के चलते शेयर बाजार में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निफ्टी 32 महीने के निचले स्तर पर जा पहुंचा और गुरुवार का दिन बाजार के लिए ब्लैक डे साबित हुआ.
गुरुवार को कैसे बंद हुआ बाजार
गुरुवार के कारोबार के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स 2919.26 अंक यानी 8.18 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 32,778.14 पर जाकर बंद हुआ. एनएसई का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 868.25 अंक यानी 8.03 फीसदी की जबरदस्त गिरावट के साथ 9590.15 पर बंद हुआ. सेंसेक्स-निफ्टी के सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं और सभी इंडेक्स भी 52 हफ्तों के निचले स्तर पर बंद हुए हैं. बैंक निफ्टी भी 8 फीसदी से ज्यादा फिसल गया था कारोबार खत्म होने पर बैंक निफ्टी 2 साल के निचले स्तर पर बंद हुआ है. आज के कारोबार के दौरान निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई से 20 फीसदी नीचे आ गया था.
मार्केट कैप में हुई भारी कमी
दलाल स्ट्रीट पर मची इस तबाही में निवेशक के 9,15,113 करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 127 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो बुधवार को कारोबार बंद होने पर 137 लाख करोड़ रुपये था.
क्यों बाजार में आई इतनी भारी गिरावट
जानकारों के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना वायरस या कोविड-19 को महामारी घोषित करने के बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट आई है और घरेलू बाजार पर भी इसका बेहद निगेटिव असर पड़ा है.
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