कश्मीर में बुधवार से SMS सेवा बहाल कर दी गई. करीब 5 महीने पहले विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद से वहां एसएमएस सर्विस बंद थी.
#JammuAndKashmir: SMS services restored in Kashmir valley from today. pic.twitter.com/A228Dzg5Jn
— ANI (@ANI) January 1, 2020
नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में आधी रात से एसएमएस सेवाएं बहाल हो गई हैं. पांच अगस्त को कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से वहां एसएमएस सेवाएं बंद थीं. जिन्हें अब शुरू किया गया है. इससे पहले लैंडलाइन सेवाएं, पोस्ट पेड मोबाइल फोन सेवाएं भी शुरू की जा चुकी हैं लेकिन इंटरनेट अब भी कश्मीर घाटी में बंद है. जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि सरकार जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में भी ब्रोडबैंड सेवाएं शुरू कर रही है. उन्होंने ये भी बताया कि हालात में बदलाव के हिसाब से हिरासत में रखे गए लोगों को भी छोड़ने का फ़ैसला होगा. कुछ लोगों को पहले ही छोड़ दिया गया है.
करगिल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल
बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद पहली बार 27 दिसंबर को करगिल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई. 145 दिन पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इंटरनेट बंद किया गया था. करगिल के अलावा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अन्य जिलों और कश्मीर घाटी में अभी भी इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं की गई हैं. अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के चार महीने बाद मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन की बहाली हुई है
एक दिन पहले ही जम्मू कश्मीर के 5 पूर्व विधायकों को हिरासत से रिहा कर दिया गया. बीते अगस्त महीने में विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ये नेता हिरासत में थे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अब भी हिरासत में हैं. रिहा किए नेताओं में दो नेता पीडीपी के, दो नेशनल कॉन्फ्रेंस के और एक निर्दलीय है. बता दें कि इससे पहले रविवार को पीडीपी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की रिहाई की अपनी मांग दोहराई थी.