सुप्रीम कोर्ट ने टाटा को बड़ी राहत देते हुए NCLAT के फैसले के खिलाफ टाटा की अपील स्वीकार कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के अध्यक्ष पद पर सायरस मिस्त्री की बहाली के आदेश को गलत करार दिया है.
नई दिल्ली: टाटा-मिस्त्री विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने टाटा समूह (Tata Group) की कंपनी टाटा संस लिमिटेड (Tata Sons) और शापूरजी पलोनजी ग्रुप्स साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) के मामले पर आज (26 मार्च 2021) फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने टाटा को बड़ी राहत देते हुए NCLAT के फैसले के खिलाफ टाटा की अपील स्वीकार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के अध्यक्ष पद पर सायरस मिस्त्री की बहाली के आदेश को गलत करार दिया है. मिस्त्री के ग्रुप शपूरजी पालनजी को टाटा संस में उसके शेयर के हिसाब से मिलने वाले मुआवजे पर अलग कानूनी प्रक्रिया चलेगी. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस में चेयरमैन पद से हटाने को सही करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि शेयर से जुड़े मामले को टाटा और मिस्त्री ग्रुप आपस मिलकर सुलझाएं.
टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने NCLAT के 18 दिसंबर 2019 के आदेश को दी थी चुनौती
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2020 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. गौरतलब है कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 18 दिसंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें इसने मिस्त्री के पक्ष में अपना फैसला देते हुए साइरस को पुन: टीएसपीएल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का निर्णय दिया था. टाटा ने अपनी याचिका में कहा कि यह आदेश कॉरपोरेट डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) को कमजोर करने के साथ-साथ निदेशक मंडल के अधिकारों को भी कमजोर करता है.
Addressing a public meeting in Kamalpur, Assam. https://t.co/tI0jvzkAbd
— Amit Shah (@AmitShah) March 26, 2021
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