पीएम मोदी ने कहा, देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म बहुत कम होता है. हमने बहुत कम देखा है कि रिफॉर्म भी हो, परफॉर्म भी हो और हम ट्रांसफॉर्म अपने आगे देख पाते हो.
नई दिल्ली: आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम सत्र है. संसद में ऐतिहासिक चर्चा हो रही है. सरकार आज संसद में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर धन्यवाद प्रस्ताव लेकर आई है. संसद के अंतिम सत्र में पीएम मोदी की आज आखिरी स्पीच थी. आज संसद में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव को पेश किया. इस पर सभी नेताओं ने भाषण दिया. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपना भाषण दिया. पीएम मोदी ने कहा, देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म बहुत कम होता है. हमने बहुत कम देखा है कि रिफॉर्म भी हो, परफॉर्म भी हो और हम ट्रांसफॉर्म अपने आगे देख पाते हो. 17वीं लोकसभा से आज देश ये अनुभव कर रहा है. मुझे इस बात का विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को जरूर आशीर्वाद देता रहेगा.
सहयोगी के रूप में आप सभी को आभार
पीएम मोदी ने कहा, सदन के नेता और एक सहयोगी के रूप में आप सभी को आभार. अध्यक्ष महोदय, मैं आपका आभार देता हूं. कभी-कभी सुमित्रा जी मजाक करती थीं. आपका चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रही. आपने हर स्थिति को धैर्य और स्वतंत्रता के साथ निपटाया है. इन पांच वर्षों में मानवता इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती से निपटी. ऐसी स्थिति थी. सदन में आना एक चुनौती थी. अध्यक्ष महोदय,आपने सुनिश्चित किया कि सभी उपाय किए जाएं और देश का काम कभी न रुके.
सांसदों ने अपने वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया
उन्होंने सांसद भत्ता छोड़ने को लेकर सराहना की. कहा, संकट के उस समय अपना भत्ता छोड़ने के लिए सभी सांसदों की सराहना करता हूं. किसी ने इस पर दोबारा विचार नहीं किया. कोरोना काल के दौरान देश के लोगों को संदेश देते हुए सांसदों ने अपने वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया. मीडिया आम तौर पर अपने लाभों के लिए सांसदों की आलोचना करता है. आपने तय किया कि एमपी कैंटीन में हर कोई बाहर के बराबर ही भुगतान करेगा. आपने हमारा मजाक उड़ाने वालों को रोक दिया.
देश को नया संसद भवन प्राप्त हुआ
संसद का नया भवन होने की जरूरत सबने दिखाई, इस पर चर्चा भी हुई. लेकिन निर्णय नहीं होता था. ये आपका नेतृत्व है जिसने निर्णय किया और इसी का परिणाम है कि आज देश को नया संसद भवन प्राप्त हुआ है. एक संसद के नए भवन में एक विरासत का अंश और जो आजादी की पहला पल था। उसको जीवंत रखने का हमेशा-हमेशा हमारे मार्गदर्शक रूप में सेंगोल को यहां स्थापित करने का काम किया गया.
युवाओं को नए मौके दिए गए: मोदी
हममें से कोई ऐसा नहीं होगा जो ये चाहेगा 25 साल में देश विकसित भारत न बने. कुछ लोगों ने संपल्प बना लिया है और कुछ लोगों को संकल्प करना होगा. इसलिए सभी को जुड़ना होगा. ये पांच साल युवाओं के लिए है. बहुत ऐतिहासिक कानून भी बने हैं. व्यवस्था में पारदर्शिता लाकर युवाओं को नए मौके दिए गए.
आतंकवाद के पूर्ण मुक्ति का हमारा सपना जल्द पूरा होगा: मोदी
हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून तैयार किए हैं. इसकी वजह से लोग ऐसी समस्याओं से जूझते रहे हैं। उन्हें एक बल मिला. आतंकवाद के पूर्ण मुक्ति का हमारा सपना जल्द पूरा होगा. तीन तलाक को लेकर मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं. इन्हें मजबूरियों से गुजरना पड़ रहा था.
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए: मोदी
हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए. उसके कारण जो लोग ऐसी समस्याओं से जूझते हैं, उन्हें एक बल मिला. इसी सदन ने धारा 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप को उसके प्रकाश के साथ उसका प्रकटीकरण हुआ. जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया. आज सामाजिक न्याय पहुंचाकर संतोष की अनुभूति कर रहे हैं.
देश एक बड़े बदलाव की ओर तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा: मोदी
पीएम ने कहा, देश एक बड़े बदलाव की ओर तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। इसमें भी सदन के सभी साथियों ने अपनी भागीदारी निभाई. हम संतोष से कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां जिन बातों का इंतजार करती थी, ऐसे बहुत से काम 17 वीं लोकसभा के जरिए पूरे हुए.
जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला: मोदी
पीएम ने कहा, भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला. व्यवस्थाएं बदली होंगी मगर प्रजातांत्रिक मन भारत का हमेशा बना रहा. स्पीकर ने भारत की प्रशंसा की. हम संविधान सदन जिसे कहते हैं, आपने देशभर में महापुरुषों के लिए निबंध स्पर्धा का एक अभियान चलाया.
आक्रोश और आरोप के पल आए: मोदी
यहां कुछ भी हो जाए लेकिन कभी भी उस मुस्कान में कमी नहीं आई. आपने सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए आपकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं. आक्रोश और आरोप के पल आए और आपने पूरे धैर्य के साथ इन सभी स्थितियों को संभालते हुए इस सदन को चलाया इसके लिए भी मैं आपका आभारी हूं.
निकलना संकट का काम था: मोदी
पीएम मोदी ने कहा, सदी के सबसे बड़े संकट मानव जाति ने झेला, कौन बचेगा, कैसे बचेगा कोई किसी को बचा सकता है या नहीं ऐसी वेा अवस्था थी, ऐसे में सदन में आना, घर छोड़कर निकलना संकट का काम था. इसके बाद भी जो नई व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने किया, देश के काम को रुकने नहीं दिया.
दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया: मोदी
कोरोनाकाल में हमने देश के काम को रुकने नहीं दिया. सांसदों ने अपनी निधी छोड़ तक दी. इसके लिए आभारी हूं. सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश में जरूरी कामों को जो गति देनी चाहिए वह भी बनी रहे, उस काम में सदन की जो भूमिका है. यह रत्तीभर भी पीछे न रहे. उसको आपने संभाला है. इसके साथ दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया.
मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा: मोदी
लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा,’ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे. ऐसा बहुत कम होता है कि रिफॉर्म और परफॉर्म दोनों हो और हम अपनी आंखों के सामने बदलाव देख सकें… देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा.’
श्रद्धा संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरह से अयोध्या पहुंचाई
अदालत ने सोचा था कि चुनाव के वक्त फैसला देंगे तो सही नहीं रहेगा. चुनाव के बाद दोबारा मोदीजी आ गए. फैसला आया और उसके बाद 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने मंदिर की नींव रखी. करोड़ों लोगों ने अपनी श्रद्धा संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरह से अयोध्या पहुंचाई. आडवाणीजी ने सोमनाथ से अयोध्या यात्रा की. निहंगों की लड़ी हुई लड़ाई थी. पीएम मोदी ने जन आकांक्षा की पूर्ति करके अध्यात्मिक चेतना का जागरण किया. दुनिया का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तो इसे डेमोक्रेटिक वैल्यू के तौर पर लिखा जाएगा.
आज मैं देश की आवाज सदन में रखना चाहता हूं: शाह
अमित शाह ने कहा, आज मैं मेरे मन की बात और देश की आवाज को सदन के सामने रखना चाहता हूं। ये सालों से कोर्ट के कागजों में दबी हुई थी. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उसे आवाज भी मिली भी मिली अभिव्यक्ति भी मिली. 22 जनवरी का दिन 10 सहस्त्र सालों के लिए ऐतिहासिक दिन बनने वाला है. ये सबको समझना चाहिए. जो इतिहास को नहीं पहचानते हैं, वो अपने वजूद को खो देते हैं.
महान भारत की यात्रा की शुरुआत
अमित शाह ने राममंदिर को लेकर कहा कि ये करोड़ों भक्तों की आशा, आकांक्षा और सिद्धि का दिन है। समग्र भारत को इस पर गौरव करे. ये पूरे भारत की आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण का समय है. ये महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है. मां भारती को विश्व गुरू की राह पर ले जाने का दिन है. देश की कल्पना राम और राम चरित्र के बिना नहीं की जा सकती है. जो इस देश को देखना और जीना चाहते हैं, उनके लिए राम चरित्र बहुत अहम है.
बापू के आदर्श भारत की कल्पना में राम राज्य जिक्र
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, संविधान के पहले पन्ने से लेकर महात्मा गांधी के आदर्श भारत की कल्पना में राम राज्य का नाम दिया गया. राम व्यक्ति नहीं, प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों को आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए। राम का राज्य धर्म-संप्रदाय के लिए नहीं है, ये पूरी दुनिया के देशों के लिए है.
हम सौभाग्यशाली हैं, हमने मंदिर बनते हुए देखा
राममंदिर को लेकर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम उन सौभाग्यशाली लोगों में हैं, जो 1528 से राम मंदिर देखना चाहते हैं. करोड़ों लोगों ने आंदोलन किया, शहीद हुए. हम सौभाग्यशाली हैं, हमने मंदिर बनते हुए देखा। देश और रामायण को अलग करके देखा नहीं जा सकता है.
ये न्याय की लड़ाई की जीत का दिन
राम मंदिर पर अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि 22 जनवरी का दिन सदियों के लिए ऐतिहासिक होगा है. ये न्याय की लड़ाई की जीत का दिन है. राम के बिना देश की कल्पना मुमकिन नहीं है. राम का चरित्र जनमानस का प्राण है.
भगवान राम सबके हैं: गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भगवान राम सबके हैं। वे हर समय सबके साथ हैं। चाहे हम सफल हों, चाहे असफल हों। चाहे दिन की शुरुआत हो या फिर महात्मा गांधी के अंतिम शब्द- हे राम हों। गांधी जी ने यह भी कहा था कि मेरा हिंदू धर्म मुझे सभी धर्मों को सम्मान करना सिखाता है। इस में राम राज्य का रहस्य छिपा हुआ है।
सत्यपाल मलिक के भाषण की बड़ी बातें
सत्यपाल मलिक ने अपने भाषण में कहा, मीर बाकी ने 1528 में राम मंदिर को तोड़ा। इतिहास इस बात का गवाह है कि वहां पर कभी मंदिर था। 2003 में ASI के सर्वे में यह बात स्थापित हुई। कभी कभी इतिहास मे ऐसे कालखंड आते हैं… ऐसे युगपुरुष पैदा होते हैं, जिनको इतिहास याद रखता है। जैसे किसी शायर ने कहा है- ‘हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है। बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।’ मोदी जी के आने से देश में रामराज आया है।राम मंदिर बनने से देश की चेतना जाग्रत हुई है।
उस समय भगवान राम को अस्वीकार कर दिया था: सत्यपाल सिंह
लोकसभा में ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा, “जहां राम हैं, वहां धर्म है… जो लोग धर्म को नष्ट करते हैं, वे मारे जाते हैं और जो लोग धर्म की रक्षा करते हैं, वे मारे जाते हैं।” संरक्षित हैं. कांग्रेस की आज इस देश में यह स्थिति है क्योंकि उन्होंने उस समय भगवान राम को अस्वीकार कर दिया था.”
Speaking in the Lok Sabha. Watch. https://t.co/VNg1wg6oQa
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2024
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो लाइक करें