न्यूयाॅर्क. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने के एक दिन बाद ही कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश कर दी। यह पांचवी बार है जब ट्रम्प ने कहा कि अगर भारत-पाक सहमत हों तो वे इस पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, जब इस पर भारतीय राजनयिक से सवाल किया गया तो उन्होंने टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि ट्रम्प और मोदी के बीच मंगलवार को बैठक होनी है, तब तक इंतजार करें।
कश्मीर मुद्दे पर सीधे जवाब से बचते रहे ट्रम्प
ट्रम्प ने इमरान खान के सामने ही हाउडी मोदी कार्यक्रम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि रविवार को मैंने भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से बेहद आक्रामक बयान सुना और उस बयान का स्टेडियम में मौजूद 59 हजार लोगों ने स्वागत किया। ट्रम्प ने कश्मीर पर मध्यस्थता के एक सवाल से बचते हुए कहा कि उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान जरूर किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे। यह दोनों के लिए अच्छा होगा। मध्यस्थता के सवाल पर उन्होंने खुद को एक कामयाब मध्यस्थ बताया। उन्हाेंने कहा कि भारत कश्मीर काे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है और शुरू से तीसरे पक्ष के दखल के खिलाफ है।
ट्रम्प ने कहा- पाक के पास अच्छे पड़ोसी हैं
ट्रम्प का यह रुख हाउडी माेदी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के साथ मंच साझा करने के 24 घंटे के अंदर सामने आया। प्रेस काॅन्फ्रेंस की शुरुआत में इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान, भारत, कश्मीर और ईरान पर हमारी बात हुई। यह सब हमारे पड़ाेसी हैं। इस पर ट्रम्प ने चुटकी लेते हुए कहा कि पाक के पास अच्छे पड़ाेसी हैं।
कश्मीर पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ रहा है भारत
भारत की तरफ से पहले भी कई बार ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकराया जा चुका है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 समिट में ट्रम्प से मुलाकात के दौरान कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को गैरजरूरी बताया था। साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने ट्रम्प के सामने दो टूक कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और हम दुनिया के किसी भी देश को इस पर कष्ट नहीं देना चाहते। इस पर ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें विश्वास है कि कश्मीर में हालात भारत के नियंत्रण में हैं।
दो महीने पहले इमरान के दौरे पर ही ट्रम्प ने पहली बार की थी मध्यस्थता की बात
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रम्प ने 22 जुलाई को मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने यही प्रस्ताव 2 अगस्त, 23 अगस्त और 10 सितंबर को दोहराया था। इमरान के अमेरिका दौरे पर ट्रम्प ने कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ट्रम्प के दावे को गलत बताया था। भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प ऐसी कोई बात नहीं हुई।