गुमला के सिसई थानाक्षेत्र के कामता गांव में किसान बुधु उरांव ने कुएं में कुदकर आत्महत्या कर ली. दरअसल उसके खलिहान में रखी धान की पूरी फसल आग के कारण जलकर खाक हो गयी थी. जिसके बाद से बुधु काफी मानसिक तनाव में चल रहा था. वहीं प्रशासनिक जांच के बाद मुआवजे को लेकर जो आश्वासन मिला. उससे भी वह संतुष्ट नहीं था. अंत में उसने अपनी जान दे दी. ये पूरा मामला विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के गांव के पड़ोस के गांव का है.
मृतक किसान बुधु उरांव की धान की खलिहान में बिगत चार दिसम्बर को अज्ञात अपराधियों ने आग लगा दी थी. बहु की माने तो पूरे परिवार का भोजन पानी खेती से ही चलता था. ऐसे में आग से इतने बड़े नुकसान को ससुर सह नहीं पाए. बेटी की माने तो पिता को यह बात भी सता रही थी कि आग के कारण मवेशियों को खिलाने वाला पुआल भी पूरी तरह नष्ट हो गया. भतीजी के मुताबिक धान जलने के बाद सीओ जांच के लिए आये थे. पर केवल आश्वासन देकर चले गये.
पूरे मामले पर सिसई के अंचलाधिकारी सुमन तिरकी ने बताया कि उन्होंने घटना के बाद गांव जाकर नुकसान की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दिया. लेकिन राशि नहीं मिल पाने के कारण कुछ मदद नहीं कर सके. उनकी माने तो उन्होंने इस तरह की घटना को लेकर अंचल स्तर पर सुविधा राशि उपलब्ध करवाने की मांग की थी. लेकिन ऊपर से कोई आश्वासन नहीं मिला. वहीं अब उन्होंने सामाजिक सुरक्षा के तहत बीस हजार रुपया परिवार को जल्द उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया है. अंचलाधिकारी के मुताबिक किसान ने फसल का बीमा भी नहीं कराया था. ऐसे में उधर से भी सहयोग मिलने की संभावना नहीं है.