सामने आई नितिन पटेल की प्रतिक्रिया

अहमदाबाद: गुजरात में नई सरकार में विभागों के आवंटन के बाद से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि अब यह उनके आत्मसम्मान का मुद्दा है. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और लालजी पटेल ने पटेल को समर्थन देने की घोषणा की है. लालजी पटेल ने एक जनवरी को मेहसाणा में बंद की घोषणा की साथ ही पटेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है. पटेल ने आवंटित विभागों का जिम्मा नहीं संभाला है और उन्हें भाजपा हाईकमान से इस पर उचित प्रतिक्रिया की उम्मीद है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पार्टी हाईकमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरी भावनाओं पर उचित प्रतिक्रिया देंगे.’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा यह कुछ विभागों की बात नहीं है, यह आत्मसम्मान की बात है. राज्य की पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे लेकिन इस बार उन्हें सड़क एवं भवन और स्वास्थ्य जैसे विभाग आवंटित किये गये है.

गुजरात में भाजपा सरकार के गठन के बाद गत 28 दिसम्बर को विभागों के बंटवारे में पटेल को इन दो विभागों के अलावा चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसार और राजधानी परियोजना का प्रभार भी दिया गया है. प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आने वाले उपमुख्यमंत्री ने अब तक इन विभागों का प्रभार नहीं संभाला है. पटेल के समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिये आज उनके आवास पर जुटे. इस बार वित्त विभाग सौरभ पटेल को आवंटित किया गया है जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शहरी विकास विभाग खुद के पास ही रखा है.

नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार में मंत्री रह चुके नरोत्तम पटेल ने पूरे विवाद पर कहा कि पटेल को उनके कद के हिसाब से विभाग दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘नितिन भाई साधारण मंत्री नहीं हैं.’’ इससे पहले दिन में पटेल की पार्टी के साथ ‘‘नाखुशी’’ के बारे में किये गये सवाल पर रूपाणी ने कोई जवाब नहीं दिया था. गुरुवार को विभागों के बंटवारे के बाद नितिन पटेल मीडिया ब्रीफिंग में कुछ नहीं बोले थे और जल्दी चले गये थे. उस समय रूपाणी ने कहा था, ‘‘यह सच नहीं है कि वित्त विभाग संभालने वाले मंत्री कैबिनेट में नम्बर दो है. नितिन पटेल हमारे वरिष्ठ नेता है और वह नम्बर दो बने रहेंगे.’’ पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने नितिन को समर्थन देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा, “एक दिग्गज नेता की तरह, नितिन भाई (पटेल) ने भाजपा को सत्ता में रखने के लिए 27 साल तक कड़ी मेहनत की है. समुदाय के सदस्यों को यह समझने की जरूरत है कि ऐसे नेताओं को हाशिए पर रखा जा रहा है.

पाटीदार नेता ने कहा कि अगर उप-मुख्यमंत्री भाजपा छोड़ने के लिए तैयार हैं और 10 अन्य विधायक उनके साथ छोड़ने को तैयार हैं तो ‘‘हम कांग्रेस को नितिन भाई को लेने और जिस पद के वह हकदार हैं उन्हें वह देने को कहेंगे.’’ वहीं सौराष्ट्र के अमरेली जिले के लाठी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए विरजी थुम्मर ने कहा कि यदि वह निर्धारित संख्या में भाजपा के विधायकों के साथ आते हैं तो पटेल को कांग्रेस से सहयोग से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा .

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने नितिनभाई पटेल से सारे अच्छे विभाग ले लिए हैं. उनके प्रभार दूसरों को सौंप दिए गए हैं. मैं नितिनभाई से उन्हें समर्थन देने वाले 10-15 विधायकों के साथ आने का अनुरोध करता हूं और हम (कांग्रेस) उन्हें बाहर से समर्थन देंगे.’’ थुम्मर ने कहा , ‘‘गुजरात के विकास और किसानों के लाभ के लिए हमें एक साथ काम करना चाहिए. मैं उन्हें एक मित्र के रूप में बताना चाहता हूं कि भाजपा उनका गलत इस्तेमाल कर रही है.’’ हालांकि कांग्रेस ने कहा कि थुम्मर का बयान व्यक्तिगत था . उसने गुजरात की नयी सरकार के भीतर चल रहे राजनीतिक ड्रामे को भाजपा का ‘‘अंदरूनी मसला’’ बताया.

पाटीदार आरक्षण आंदोलन में आगे रहे सरदार पटेल ग्रुप के नेता लालजी ने हार्दिक के साथ गांधीनगर में नितिन से मुलाकात की और घटना के विरोध में मेहसाणा में बंद की घोषणा की है.

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