वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में पांच से अधिक सांसदों वाली पार्टी को आमंत्रित किया गया। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत की 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद चीन को लेकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।
पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) को नहीं बुलाए जाने पर AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नाराजगी जताई है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे समय में एकजुट रहते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।
बैठक के लाइव अपडेट्स:
>> हम हमारे वीर जवानों के साथ चट्टानों की तरह खड़े हैं। उनकी वीरता पर देश अटूट विश्वास रखता है। मैं शहीदों के परिवारों को भी विश्वास दिलाता हूं कि पूरे देश उनके साथ है। पूर्वी लद्दाख में न कोई सीमा में घुस आया और न ही घुसा हुआ है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। : प्रधानमंत्री
>> पीएम मोदी ने कहा- लद्दाख में हमारे 20 सैनिक शहीद हुए, लेकिन भारत माता कि तरफ जो आंख दिखाया उसे सबक सिखा दिए। चीन ने जो किया है उससे देश आहत है। हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हमारी सेना जल, थल, नभ में देश की रक्षा के लिए जो करना है कर रही है। हमारी एक इंच जमीन पर कोई भी आंख उठाकर नहीं देख सकता है। हमने सेना को उचित कदम उठाने की छूट दी है। हमने चीन को अपनी बात स्पष्ट कर दी है।
>> पीएम मोदी बोले- भारत शांति चाहता है, लेकिन देश के स्वाभिमान की क्रक्षा सर्वप्रथम है। बीते पांच वर्षों में हमारी सरकार ने बॉर्डर इलाकों में संसाधन मजबूत करने पर बल दिया है। नए इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण पेट्रोलिंग बढ़ गई है। सतर्कता बढ़ी है। एलएसी पर हो रही गतिविधियों के बारे में पता चल रहा है।
>> सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से कहा, ‘न तो चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है और न ही कोई पोस्ट बनाया गया है। हमारे 20 जवान शहीद हो गए, लेकिन जिन लोगों ने भारत माता को याद किया, उन्हें सबक सिखाया गया।
> सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से कहा, ‘आज हमारे पास यह क्षमता है कि कोई भी हमारी जमीन के एक इंच हिस्से को भी नहीं ले सकता है। भारत की सशस्त्र सेना एक बार में कई क्षेत्रों में जाने की क्षमता रखती है।’
>> प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में, अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए, हमने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को महत्व दिया है। हमारे सशस्त्र बलों की आवश्यकताएं हों, लड़ाकू विमान हों, उन्नत हेलीकॉप्टर हो, मिसाइल रक्षा प्रणालियां हों, उन्हें भी महत्व दिया जा रहा है।’
>> जगन मोहन रेड्डी (वाईएसआरसीपी) ने सर्वदलीय बैठक में कहा, ‘भारत की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ी है। उन्होंने दुनिया भर में प्रमुख रणनीतिक साझेदारी का निर्माण किया है। आप हमारी ताकत हैं, प्रधानमंत्री हैं। भारत ने बहुतों से ईर्ष्या की है। वे (चीन) भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।’
>> सर्वदलीय बैठक में अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सवाल उठाने का सही समय नहीं है। भारत पीएम के साथ है। चीन को संदेश दें कि हम पीएम के साथ हैं।
>> समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक में कहा, ‘राष्ट्र एक है। पाकिस्तान और चीन की नीयत अच्छी नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं होगा। चीनी सामानों पर 300% शुल्क लगाए।’
>> सर्वदलीय बैठक में शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘भारत शांति चाहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार की क्षमता है आंखें निकालकर हाथ मैं दे देना।’
>> सर्वदलीय बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, ‘भारतीय बाजारों में चीन के सामान की भारी संख्या एक बड़ी समस्या है। वे प्लास्टिक के होते हैं, पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं, वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे जुड़ा इलेक्ट्रॉनिक कचरा अधिक होता है। चीनी उत्पाद लंबे समय तक नहीं चलते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक हों और केंद्र का समर्थन करें।’
>> पीएम मोदी के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने कहा, ‘पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए। भारत को लेकर चीन का रुख ज्ञात है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता था, लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया।’
> चीन में लोकतंत्र नहीं है। एक तानाशाही राज है वहीं। वे जो महसूस करते हैं, वह कर सकते हैं। दूसरी ओर हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं।: ममता बनर्जी
>> भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में सीपीआई के डी राजा ने कहा कि हमें अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है। साथ ही सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया।
>> भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा, “सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए। म्यांमार और बांग्लादेश में चीन प्रायोजित गतिविधियां चिंताजनक है। पीएम नॉर्थ ईस्ट इंफ्रा पर काम कर रहे हैं और यह चल रहा है।”
> भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हम एलएसी तनाव को कम करने के लिए वार्ता के सभी रास्ते का उपयोग करने में विफल रहे। हमने बहुमूल्य समय खो दिया और परिणाम 20 जवान शहीद हो गए।
>> सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और पूरा विपक्ष एकजुट होकर अपने रक्षा बलों के साथ खड़ा है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि वे लड़ाई के लिए तैयार रहें। संपूर्ण राष्ट्र को उम्मीद है कि सरकार सभी विपक्षी दलों और देश को विश्वास में लेगी और हमें नियमित रूप से संक्षिप्त जानकारी देगी ताकि हम दुनिया को एकता और एकजुटता की तस्वीर पेश कर सकें।’
>> भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं। उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के हालिया बयानों का भी स्वागत किया। उनकी पार्टी ने कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
> भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सभी पार्टी की बैठक में बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
>> सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा मुद्दों पर पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है। हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है।
>> टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘सेना मुस्तैदी के साथ गलवान खड़ी है।’
>> पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्दर्शिता की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमा के हालात के बार में सरकार विपक्ष को समय-समय पर जानकारी दे। देश की अखंडता के लिए हम सरकार के साथ हैं।
>> इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों के नेताओं को लद्दाख में सेना की तैनाती और अन्य जानकारी दी।
> बैठक की शुरुआत एलएसी पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर की।
> इस बैठक में एनसीपी से शरद पवार, जेडीयू से नीतीश कुमार, लोजपा से चिराग पासवान के अलावा उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी सहित कुल 17 पार्टियों के नेता शिरकत कर रहे हैं। सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं।
बैठक में नहीं बुलाने पर RJD ने जताई आपत्ति
भारत-चीन विवाद को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को नहीं बुलाए जाने पर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है। 5 सांसद हैं। लेकिन हमें आमंत्रित नहीं किया गया। राजनाथ सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि आरजेडी को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया।
1967 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत
सोमवार (15 जून) को हुआ संघर्ष नाथू ला में 1967 में हुई उस झड़प के बाद सबसे बड़ा संघर्ष है जिसमें चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे और भारत के लगभग 80 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 1975 में चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सैनिक की मौत हुई थी। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।
5 मई को भारत और चीन की सेना में झड़प
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हुई जब बीते पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद दोनों पक्ष ”अलग” हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
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