सोमवार को नोएडा पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन के बावजूद वहां कोरोना फैलने की वजहों की पड़ताल की तो अधिकारियों के जवाब पर उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने जिलाधिकारी बीएन सिंह से जवाब मांगा तो संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने बैठक में मौजूद अफसरों पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री ने अफसरों से यहां तक कह डाला कि अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालना बंद करिए। इस बीच सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए नोएडा के डीएम को हटा दिया है और उनकी जगह सुहास एल वाई को गौतमबुद्ध नगर का नया डीएम बनाया गया है। इससे पूर्व सीएम द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तीन महीने की छुट्टी मांगी थी। उन्होंने मीटिंग में यह भी कहा कि मैं 18-18 घंटे काम कर रहा हूं। मैं नोएडा में नहीं रहना चाहता।
Chief Minister Yogi Adityanath distributes food items & ration among the needy in Greater Noida. pic.twitter.com/eRRSttG4da
— ANI UP (@ANINewsUP) March 30, 2020
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री के सवालों के जवाब देने की कोशिश की लेकिन सीएम ने उनसे नाइत्तेफाकी जाहिर कर दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सीधे बोल दिया कि वह इन इंतजामों से खुश नहीं है। सही मायने में अच्छे ढंग से इंजाम नहीं किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने पहले अलर्ट जारी किया गया था, तब से क्या किया गया। दरअसल मुख्यमंत्री नोएडा में ब्रिटिश नागरिक से फैले संक्रमण पर खिन्न थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही ढंग से सूचनाएं नहीं दी जा सकीं। सीएमओ और डीएम ने स्पष्टीकरण दिया और तैयारियां बताईं लेकिन सीएम ने उहें खारिज कर दिया।
Even though we're in midst of crisis,essential health services must continue. Babies are still being born,vaccines must still be delivered&people still need life-saving treatment for a range of other diseases: TA Ghebreyesus, Director-General of World Health Organization.#COVID19 pic.twitter.com/Y1MVEOOMTH
— ANI (@ANI) March 30, 2020
मुख्यमंत्री इस बात से नाराज थे कि ब्रिटेन से आए नागरिक को लेकर सतर्कता नहीं बरती गई। उसके संपर्क में आने वाले लोगों को सही तरह से जानकारी नहीं पहुंचाई गई। जिसकी वजह से यह परेशानी उत्पन्न हुई है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग भार्गव ने स्पष्टीकरण भी दिया। डीएम ने इस मसले पर जवाब देने के लिए हाथ खड़ा किया तो प्रमुख सचिव ने उन्हें रोक दिया।