जितेंदर कुमार ने शुक्रवार को दिल्ली में 74 किलो फ्री स्टाइल वर्ग का ट्रायल मुकाबला जीता। उन्होंने अमित धनखड़ को 5-2 से हराकर इटली रैंकिंग सीरीज (15 से 18 जनवरी) के साथ ही एशियन चैंपियनशिप (18 से 23 फरवरी) के लिए क्वालिफाई कर लिया। ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाले सुशील कुमार को भी इसी भार वर्ग में ट्रायल देना था। लेकिन हाथ में चोट के चलते वे ट्रायल्स से हट गए थे।
सुशील ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) से ट्रायल्स टालने का आग्रह किया था। लेकिन डब्ल्यूएफआई ने उनके इस अनुरोध को ठुकरा दिया था। इसके बाद जितेंदर इस भार वर्ग में उतरे थे।
सुशील ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल मुकाबले में जितेंदर को हराया था
भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) ने पहले घोषणा की थी कि ट्रायल्स में जीतने वाले पहलवान जियान में 27 से 29 मार्च तक होने वाले एशियाई ओलिंपिक क्वालिफायर में भाग लेंगे। लेकिन बाद में अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि वे जियान से पहले फिर ट्रायल करा सकते हैं। ऐसे में अगर जितेंदर को टोक्यो ओलिंपिक क्वालिफिकेशन में जगह बनानी है तो उन्हें इटली रैंकिंग सीरीज और एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीतकर कुश्ती संघ को प्रभावित करना होगा। हालांकि, सुशील ने सितंबर 2019 में विश्व चैम्पियनशिप के लिए हुए ट्रायल मुकाबले में जितेंदर को हराया था।
कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा था- बिना ट्रायल्स कोई ओलिंपिक क्वालिफायर में नहीं जाएगा
शरण ने कहा, ‘‘अगर हमें लगता है कि पहलवानों का पहली दो प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है तो ओलिंपिक क्वालिफायर के लिए दोबारा ट्रायल कराए जा सकते हैं। हम अपने सबसे अच्छे पहलवान भेजना चाहते हैं, ताकि भारत इन खेलों के लिए अधिकतम कोटा हासिल कर सके। जहां तक सुशील का सवाल है तो किसी को भी ट्रायल्स में भाग लिए बिना ओलिंपिक क्वालिफायर में जाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।’’
दीपक, रवि और सुमित फाइनल ट्रायल्स जीते
इस बीच शुक्रवार को फ्री स्टाइल वर्ग के फाइनल ट्र्रायल में दीपक पूनिया (86 किलो) ने पवन सरोहा जबकि रवि दहिया (57किलो) ने पंकज को शिकस्त दी। इन दोनों को फाइनल में सीधे प्रवेश दिया गया था। इनके अलावा सुमित मलिक (125 किलो) ने फाइनल में सतेंदर और सत्यव्रत कादियान (97 किलो) ने मौसम खत्री पर जीत दर्ज की।