पद्मश्री मिलने पर अदनान सामी ने कहा- यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात

पद्मश्री मिलने पर अदनान सामी ने कहा- यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात

नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा सोमवार को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किए गए प्रसिद्ध गायक अदनान सामी ने नम आंखों से अपने पिता को याद करते हुए भारत सरकार को उन्हें मिले सम्मान के लिए धन्यवाद दिया है।

सामी को संगीत के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। मेरे पास शब्द नहीं हैं..

इसके पीछे मेरे लिए देशवासियों का प्यार है। मुझे यह सम्मान सालों की मेहनत, खून-पसीने के लिए मिला है।

उन्होंने कहा, हालांकि कठिनाइयां थीं, फिर भी मैं अपने हौसले को बढ़ाते हुए आगे बढ़ता रहा।

सम्मान प्राप्त करते हुए मुझे ऐसा लगा जैसे भारत सरकार और देश की जनता ने मुझसे कहा है कि, यह हमारे लिए आपके काम के लिए है, इसलिए यह मेरे लिए बहुत मूल्यवान है।

उस समय को याद करते हुए जब सामी राष्ट्रपति भवन पहुंचे, उन्होंने कहा, मैं राष्ट्रपति भवन में बैठा था और पुरस्कार समारोह शुरू होने का इंतजार कर रहा था। मैं काफी भावुक था।

अदनान को 30 से अधिक इंस्ट्रमेंन्टस बजाने का अनुभव है।

इस यात्रा में आपको किसने योगदान दिया है?

इसके जवाब में अदनान ने कहा, इस पूरी यात्रा में मेरे माता-पिता और मेरी पत्नी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे पिता ने मुझे अवसर और सुविधाएं दीं। क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। इस दौरान मेरे पिता ने भी मुझे रोने के लिए अपना कंधा दिया।

इसके अलावा, मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा मेरी संगीत मां आशा भोंसले जी रही हैं। मेरा पहला गीत कभी तो नजर मिलाओ आशा जी के साथ जारी किया गया था।

मैं आशा जी से 10 साल की उम्र में पहली बार मिला था, हालाँकि उनसे मेरी पहली मुलाकात भी भारत में ही हुई थी, उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और कहा कि आप कनाडा से यहाँ आओ। मैं उनकी सलाह पर ही मुंबई आया।

उन्होंने कहा, मुंबई आने के बाद मैं आशा जी के अलावा किसी को नहीं जानता था। लेकिन उन्होंने मुझे जो प्यार दिया उसके लिए मैं उन्हें और उनके परिवार को धन्यवाद देना चाहता हूं।

उन्होंने कहा, मैं 1999 में भारत आया था और पहला गाना 2000 में रिलीज हुआ था। उसके बाद मुझे भारत से प्यार हो गया।

अदनान ने कुछ साल पहले ही भारत की नागरिकता ली थी। उनकी मां जम्मू की थीं और उनके पिता पाकिस्तान के थे।

उन्होंने कहा, भारतीय नागरिकता मुझे रातों-रात नहीं दी गई थी। यह कानून के सभी नियमों और सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद हासिल की गई थी। मैंने इसके लिए कभी जलसा नहीं किया, लेकिन जब मुझे नागरिकता मिली, तो सभी को पता चला।

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