GoAir IPO: 15 साल पुरानी एयरलाइन आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में करेगी.
वाडिया ग्रुप (Wadia group) की लो-कॉस्ट एयरलाइन गो एयर (GoAir) ने 3,600 करोड़ रुपए के आईपीओ (IPO) के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी के पास पेपर जमा कराया है. 15 साल पुरानी एयरलाइन आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में करेगी. बता दें कि गो एयर ने गुरुवार को खुद को गो फर्स्ट (Go First) के रूप में रिब्रांड किया है.
GoAir ने 2005 में परिचालन शुरू किया और उसके बेड़े में सिर्फ 50 से अधिक विमान हैं. रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मसौदे के अनुसार, एयरलाइन शेयरों की बिक्री के माध्यम से 3,600 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है.
आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल
एयरलाइन आईपीओ से जुटाई रकम का इस्तेमाल लोन के प्रीपेमेंट और रिपेमेंट में करेगी. इसके अलावा, रेंटल लीज के पेमेंट और एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस पर खर्च करेगी.
इसके अलावा, कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOC) को तेल की सप्लाई के लिए बकाए का पूरा या आंशिक भुगतान करेगी. वहीं, जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों पर भी रकम खर्च की जाएगी.
घाटे में चल रही है एयरलाइन
मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी को 1,270.74 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था जबकि उसकी कुल आय 7,258.01 करोड़ रुपए रही थी. गो एयर अब अल्ट्रा लो कॉस्ट कैरियर (ULCC) मॉडल पर फोकस कर रहा है. वर्तमान में, दो घरेलू एयरलाइन इंडिगो (Indigo) और स्पाइसजेट (SpiceJet) स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है.
एविएशन मार्केट में मार्च में GoAir की हिस्सेदारी 7.8 फीसदी थी. जून 2014 में पहली बार इस एयरलाइन की हिस्सेदारी 10 फीसदी के पार हुई थी.
गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक कोहना ने कहा, गो फर्स्ट आगे के अवसरों को देखता है. यह रिब्रांडिंग कल के उज्जवल आत्मविश्वास को दर्शाता है. उन्होंने कहा, गो फर्स्ट टीम ब्रांड को डिलीवर करने और ‘You Come First’ को हकीकत बनाने का प्रयास करेगी.
8th instalment under #PMKisan is being released. Watch. https://t.co/aTcCrilMKE
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2021
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