पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए इन दिनों कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है. अमेरिका से लौटते ही वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को नया झटका दे दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक की ड्राफ्ट रिपोर्ट में आर्थिक प्रबंधन के सभी 31 पैमानों पर पाकिस्तान की रैंकिंग तेजी से लुढ़क गई है. वर्ल्ड बैंक के मूल्यांकन में पाकिस्तान सरकार के बजट ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और उसका फाइनेंशियल प्रबंधन को पूरी तरह से असफल करार दिया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले साल 2012 में भी वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के वित्त प्रबंधन को लेकर ऐसा ही मूल्यांकन किया था. 2012 की तुलना में पाकिस्तान का लगभग सभी पैमानों पर प्रदर्शन और खराब हुआ था.
वर्ल्ड बैंक ने जून महीने में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के साथ ‘सार्वजनिक व्यय और वित्तीय जिम्मेदारी’ (PEFA) द्वारा तैयार किए गए फाइनल ड्राफ्ट को शेयर किया है. इस रिपोर्ट में फाइनेंशियल ईयर 2015-16 से लेकर 2017-18 के दौरान पाकिस्तान के बजट और आर्थिक प्रबंधन का मूल्यांकन किया गया है.
>> इस रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है.
>> वित्त मंत्रालय अपने वित्तीय उत्तरदायित्व को निभाने में असफल रहा.
>> वित्तीय नियमों का गंभीर उल्लंघन होने दिया.
>> पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक पर अपनी रिपोर्ट में नरमी बरतने के लिए दबाव डाल रहा था.
>> लेकिन वर्ल्ड बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा कि कर्जदाता की तरफ से रिपोर्ट फाइनल हो चुकी है.
>> बजट अनुशासन, सरकार की ओर से पारदर्शिता, फाइनेंशियल ऑपरेशन समेत आर्थिक प्रबंधन के सभी संकेतों पर पाकिस्तान का निराशाजनक प्रदर्शन रहा.
>> पाकिस्तान को वित्तीय अनुशासन की कमी, कम राजस्व संग्रहण, खराब राजस्व प्रशासन और पारदर्शिता की कमी की वजह से बजट की विश्वसनीयता पर सबसे खराब ग्रेड ‘डी’ मिला है.
>> रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने प्रभावी कैश मैनेजमेंट सिस्टम विकसित नहीं किया है जिसकी वजह से सरकारी संस्थाएं जनता का पैसा निजी कॉमर्शियल बैंकों में भेजने की मंजूरी देती हैं.
>> साल 2017 के अंत में निजी बैंकों के 450,000 खातों में 2.3 ट्रिलियन रुपए जमा किए गए और इस पैसे का ऑडिट नहीं किया जा सका.
>> पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि रिपोर्ट को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की सरकार और यूरोपीय यूनियन के साथ मिलकर रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में तीन वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 को शामिल किया गया है जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की सरकार का कार्यकाल शामिल है.