इस्लामाबाद: पहली बार प्रमुख पाकिस्तान दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने भारत (India) के बढ़ते वैश्विक कद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व की दिल खोलकर प्रशंसा की है. अखबार के मुताबिक पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्व मंच पर भारत की न सिर्फ अहमियत बढ़ी है, बल्कि पीएम मोदी इस सबसे बड़े लोकतंत्र (Democracy) को उस अहमियत पर ले आए हैं जहां राष्ट्र ने अपने प्रभाव और छाप का व्यापक जाल बिछाना शुरू कर दिया है. प्रमुख पाकिस्तान (Pakistan) दैनिक मेंऑप-एड कॉलम में जाने-माने राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा विश्लेषक शहजाद चौधरी लिखते हैं, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति (Foreign Policy) का परचम फहरा रहा है. इसका सकल घरेलू उत्पाद (GDP) तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है.’ उन्होंने भारत की इस प्रगति को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने भारत को सभी निवेशकों (Investors) के लिए एक पसंदीदा स्थान बताया है. साथ ही फिर दोहराया है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में भारत ने विदेश नीति के मोर्चे पर खुद को पुख्ता से स्थापित किया है.
भारत में स्थिर, सुसंगत और फंक्शनल राजनीति
शहजाद चौधरी ने अपने कॉलम में लिखा है कि भारत कृषि उत्पादों का भी एक बड़ा उत्पादक है, जिसकी वैश्विक मंच पर भी आईटी उद्योग में तूती बोल रही है. वह लिखते हैं, ‘कृषि में भारत की प्रति एकड़ पैदावार दुनिया में सबसे अच्छी है. यही नहीं, 1.4 बिलियन से अधिक लोगों का देश होने के बावजूद वहां एक स्थिर, सुसंगत और फंक्शनल राजनीति काम कर रही है.’ आंकड़ों का हवाला देते हुए शहजाद चौधरी ने कहा, ‘भारत की शासन प्रणाली समय की कसौटी पर खरी उतरी है और एक सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए आवश्यक बुनियादी सिद्धांतों को समय के साथ लचीलापन देकर उसे और गहरी नींव दी है. पीएम मोदी ने भारत को ब्रांड बनाने के लिए कुछ ऐसा किया है. जो उनसे पहले कोई नहीं कर सका. महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत जो महसूस करता है और जिस हद तक उसे जरूरत है, वही करता है.’
इमरान खान भी भारतीय विदेश नीति की कर चुके हैं दिल खोलकर तारीफ
इससे पहले नवंबर में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए इसे स्वतंत्र और निज केंद्रित बताया था. पीटीआई प्रमुख ने कहा, ‘हालांकि पाकिस्तान को भी भारत के साथ ही आजादी मिली, लेकिन उनकी विदेश नीति स्वतंत्र बनी हुई है. भारत अमेरिका के विरोध के बावजूद रूस से तेल खरीदने के अपने फैसले पर कायम है.’ पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा था, ‘मुझे भारत का उदाहरण लेना चाहिए. देश हमारे साथ-साथ आजाद हुआ और अब इसकी विदेश नीति को देखें. यह एक स्वतंत्र और निज केंद्रित विदेश नीति का अनुसरण करता है. भारत अपने फैसले पर कायम रहा और कहा कि वे रूस से तेल खरीदेंगे.’ यही नहीं, यूक्रेन में चल रहे सैन्य संघर्ष के बीच पश्चिम के दबाव के बावजूद अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की खरीद की प्रशंसा करते हुए खान ने कहा था कि भारत और अमेरिका क्वाड सहयोगी हैं, लेकिन भारत ने अपने नागरिकों के हित में रूस से तेल खरीदने का फैसला किया है.
इमरान भारत की तुलना कर लगातार कर रहे शहबाज सरकार पर तीखा हमला
अक्टूबर 2022 में भी पीटीआई प्रमुख ने भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए कहा कि नई दिल्ली अपनी मर्जी से रूस से तेल आयात करने में सक्षम था, जबकि पाकिस्तान पश्चिम का गुलाम था क्योंकि वह अपने लोगों के कल्याण के लिए निडर निर्णय लेने में असमर्थ था. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा था, ‘इस देश के फैसले देश के भीतर ही लिए जाने चाहिए. अगर रूस सस्ता तेल दे रहा है और अगर मेरे पास अपने देशवासियों को बचाने का विकल्प है, तो किसी को हमसे नहीं पूछना चाहिए. कोई भी हमें यह बताने में सक्षम नहीं होना चाहिए. भारत रूस से तेल ले सकता है, लेकिन गुलाम पाकिस्तानियों को अनुमति नहीं है. मैं एक स्वतंत्र देश देखना चाहता हूं. न्याय होना चाहिए और लोगों को सुरक्षा और सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.’ अप्रैल में सत्ता से बेदखल होने के बाद से खान अपने खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाली विदेशी साजिश का आरोप लगाते रहे हैं. जो बाइडन प्रशासन की आलोचना करते हुए खान ने कई मौकों पर पश्चिम के दबाव में नहीं आने और अमेरिका के ‘रणनीतिक सहयोगी’ होने के बावजूद रूसी तेल की खरीद जारी रखने के लिए भारत की सराहना की है.
Vande Bharat trains are special because… pic.twitter.com/ZPlINVgdab
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2023
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